अब वेतन को नहीं तरसेंगे वन महकमे के अस्थायी कर्मचारी, पीसीसीएफ ने दिए निर्देश
वन विभाग में दस हजार से अधिक अस्थाई कर्मचारी हैं। जो उपनल आउटसोर्सिंग तथा दैनिक श्रमिक के रूप में कार्यरत हैं। शासन ने भी विभागों को निर्देश दिया है कि अस्थाई कर्मियों के मानदेय जारी करने में नियमों में शिथिलता की जरूरत है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। नैनीताल चिड़ियाघर समेत आग बुझाने, कार्ययोजना में रखे गए अस्थाई वन कर्मचारी कोविड काल में पगार के लिए नहीं तरसेंगे। इन कर्मचारियों को कार्यालय मद से पगार का भुगतान किया जाएगा। यहीं नहीं उन्हें राहत एवं बचाव सामग्री भी दी जाएगी।
राज्य में वन विभाग में दस हजार से अधिक अस्थाई कर्मचारी हैं। जो उपनल, आउटसोर्सिंग तथा दैनिक श्रमिक के रूप में कार्यरत हैं। कोविड काल में इन कार्मिकों की बेवजह छंटनी ना कि जाय, इसको लेकर वन महकमा गंभीर है। शासन ने भी विभागों को निर्देश दिया है कि अस्थाई कर्मियों के मानदेय जारी करने में नियमों में शिथिलता की जरूरत है , तो वह भी अनुमति लेकर कर ली जाय।
अब हाल ही में पीसीसीएफ राजीव भरतरी की ओर से डीएफओ व वन संरक्षक को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
- अस्थायी कर्मचारियों को कोविड-19 बचाव किट का वितरण, जिसमें एन 95 मास्क, सेनेटाइजर व हैण्डवास
विटामिन्स व दवाऐं आदि सम्मिलित हों।
- चिन्हित स्थानों पर जहां अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, उपकरण उपलब्ध कराना जैसे ऑक्सीमीटर कन्टेक्टलेस थर्मामीटर, इन्हेलर व पीपीई किट आदि।
- दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को यथा सम्भव समय पर पारिश्रमिक का भुगतान कराना सुनिश्चित करना।
- कोविड–19 से उत्पन्न परिस्थितियों में मानवीय दृष्टिकोण अपनायें तथा पूर्व में कार्य पर लगे हुये दैनिक वेतन भोगी कार्मिकों को उनके कार्य पर बने रहने दिया जाये व अकारण न हटाया जाये।
- पीसीसीएफ ने हर वन प्रभाग में इन कार्यों हेतु अधिकतम दो से तीन लाख व्यय की अनुमति दी है। इन कार्यों हेतु पूर्व में निर्गत निर्देशों के अनुसार कार्यालय व्यय मद का उपयोग कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त सामान्य अधिष्ठान की मानक मद, मशीन उपकरण, सज्जा एवं संयंत्र मानक मद , अन्य मद से औषधि तथा रसायन मदों में आवंटित धनराशि का उपयोग किया जा सकता है।
- किसी वन प्रभाग में बजट में धनराशि की कमी होने पर अतिरिक्त धनराशि की मांग इस कार्यालय को प्रेषित की जाये। पीसीसीएफ ने इसके लिए डीएफओ को अधिकृत किया है।
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