एसटीएच खुलने की राह देख रहे थे सीमांत से यूपी तक के मरीज, गंगोलीहाट व बिजनौर से पहुंचे हल्द्वानी
कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल को खुलने का इंतजार सीमांत पिथौरागढ़ जिले से लेकर यूपी तक के मरीज कर रहे थे। एसटीएच खुलने की खबर से जैसे लोगों की उम्मीद को जगा दिया और सैकड़ों किमी दूरी तय कर हल्द्वानी पहुंच गए। हालांकि पहले दिन ओपीडी काफी कम रही।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी अस्पताल में (एसटीएच) शुक्रवार से ओपीडी शुरू हो गई। कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल को खुलने का इंतजार सीमांत पिथौरागढ़ जिले से लेकर यूपी तक के मरीज कर रहे थे। एसटीएच खुलने की खबर से जैसे लोगों की उम्मीद को जगा दिया और सैकड़ों किमी दूरी तय कर हल्द्वानी पहुंच गए। हालांकि पहले दिन ओपीडी काफी कम रही।
एसटीएच को कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किया गया है। कोरोना की दूसरी लहर आने पर कोविड मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अप्रैल में ओपीडी बंद कर दी गई थी। शुक्रवार को ओपीडी शुरू हुई। पहले दिन 278 मरीजों ने परामर्श दिया। सामान्य दिनों में ओपीडी 1500 से अधिक पहुंचती है। पहले दिन मेडिसिन, टीबी व चेस्ट, न्यूरो व हड्डी रोग से जुड़े मरीजों की संख्या अधिक रही। सोमवार से ओपीडी में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
बदली जीवनशैली से न्यूरो की शिकायत बढ़ी
कोरोना के चलते वर्क फॉर होम, ऑनलाइन क्लास और ऊपर से घूमना-फिरना कम होने से न्यूरो की शिकायत बढ़ रही है। शुक्रवार को कई लोग गर्दन, सिर दर्द, कमर दर्द की शिकायत लेकर पहुंचे। पहले दिन 20 लोगों ने न्यूरोलॉजी विभाग में परामर्श लिया।
विभागवार ओपीडी की संख्या
त्वचा: 19, मनोरोग: 11, हड्डी रोग: 21, दंत रोग: 8, न्यूरोलॉजी: 20, बाल रोग: 10, ईएनटी: 13, नेत्र: 9, जनरल मेडिसिन: 43, सर्जरी: 27, गायनी: 21, कैंसर: 15, टीबी व छाती रोग: 50, हृदयरोग: 11
लोगों ने साझा किए विचार
कोरोना से उबरने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। सांस लेने में अभी भी तकलीफ महसूस हो रही है। जांच कराने पहुंचा हूं।
-दीवान सिंह, निवासी आवास विकास
तीन माह की बेटी की तबीयत खराब है। खटीमा में दिखाया तो बच्चे को ठंड लगना बताया। इको कराने के लिए एसटीएच आई हूं।
-जसविंदर कौर, निवासी नानकमत्ता
अपने रिश्तेदार को दिखाने आया हूं। पिछले कुछ दिनों से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। एसटीएच खुलने से राहत मिली है।
-चंद्रपाल सिंह, निवासी बिजनौर
कई वर्षों से पेट में दर्द रहता है। सात माह पहले अल्सर होना पता चलने पर दवा खा रही हूं। अब ऑपरेशन की डेट लेने आई हूं।
-गोविंदी देवी, गंगोलीहाट
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