टनकपुर अस्पताल में 2019 से एक्सरे कक्ष में लटका है ताला, मरीजों को नहीं मिलती कोई सुविधा
संयुक्त चिकित्सालय टनकपुर में संसाधनों की उपलब्धता के बाद भी स्टॉफ की कमी से अस्पताल बीमार है। कहने को तो अस्पताल 40 बेड का है लेकिन आपातकालीन चिकित्सा के लिए मरीजों को रेफर किया जा रहा है। लाखों रुपये से बना ट्रामा सेंटर शो पीस बना है।
जागरण संवाददाता, चम्पावत : जिले के मैदानी क्षेत्र में चिकित्सा सुविधा बहुत अच्छी नहीं है। वर्ष 2006 में स्थापित संयुक्त चिकित्सालय टनकपुर में संसाधनों की उपलब्धता के बाद भी स्टॉफ की कमी से अस्पताल बीमार है। कहने को तो अस्पताल 40 बेड का है, लेकिन आपातकालीन चिकित्सा के लिए मरीजों को रेफर किया जा रहा है। लाखों रुपये से बना ट्रामा सेंटर शो पीस बना है। जनवरी 2019 से एक्सरे कक्ष में ताला लटका हुआ है। रेडियोलॉजिस्ट की कमी सीएचसी लोहाघाट के चिकित्सक से पूरी करवाई जा रही है।
अस्पताल में वर्ष 2015 में लगभग 90 लाख रुपये की लागत से ट्रामा सेंटर भवन का निर्माण भी किया गया। लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती नहीं होने से मरीजों को अभी तक इसका लाभ नहीं मिल रहा है। अस्पताल में प्रयोगशाला, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, ओटी, आईसीयू कक्ष, वेंटिलेटर आदि सभी सुविधाएं हैं। जनरेशन प्लांट लगने के बाद ऑक्सीजन की भी दिक्कत नहीं है। जनरल सर्जन और दो-दो निश्चेतक भी तैनात हैं, लेकिन फिर भी बड़ी शल्य चिकित्सा और गहन उपचार के लिए मरीजों को बाहरी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। जनवरी 2019 के बाद से ही एक्सरे कक्ष में ताला लटका है। एक्सरे नहीं होने का सबसे अधिक नुकसान गरीब तबके के मरीजों को झेलना पड़ा रहा है। मरीजों को कई गुना ज्यादा पैसा खर्च कर निजी क्लीनिकों की दौड़ लगानी पड़ रही है। अस्पताल के आंकड़ों के मुताबिक हर माह औसतन 165 लोगों को एक्स-रे परीक्षण की जरूरत पड़ती है।
जून 2015 से 10 दिसंबर 2020 तक अल्ट्रासाउंड परीक्षण भी बंद थे लेकिन अब सीएचसी लोहाघाट के रेडियोलॉजिस्ट डा. एलएम रखोलिया सप्ताह में दो दिन टनकपुर जाकर अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं। अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर घनश्याम तिवारी का कहना है कि तकनीशियन न होने से एक्सरे नहीं हो पा रहे हैं। एक्सरे तकनीशियन और रेडियोलॉजिस्ट के खाली पदों को भरने के लिए कई बार पत्र भेजा जा चुका है। डॉक्टरों के सृजित पदों में गायनाकोलॉजिस्ट, फिजीशियन, रेडियोलॉजिस्ट, ईएनटी, चर्म रोग विशेषज्ञ के पद भी खाली हैं। उन्होंने बताया कि शल्य चिकित्सा के लिए ब्लड बैंक चाहिए। छोटे ऑपरेशन तो किए जा रहे हैं, लेकिन बड़े ऑपरेशन में जोखिम के कारण नहीं किए जा रहे हैं। ब्लड बैंक की सुविधा के बाद ही बड़े ऑपरेेशन करना संभव हो पाएगा।
सीएमओ डा. केके अग्रवाल ने बताया कि टनकपुर उप जिला चिकित्सालय में एक्सरे की सुविधा लंबे समय से नहीं मिल पा रही है। एक्सरे शुरू करवाने के साथ ही अस्पताल के लिए जरूरी संसाधन मुहैय्या कराने का पत्र निदेशालय भेजा गया है। डिजिटल एक्सरे मशीन, नई अल्ट्रासाउंड मशीन और ऑटो एनेलाइजर मशीन की मांग के साथ खाली पदों को भरने का आग्रह किया गया है।