विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में आतंकी माड्यूल तैयार करने की हो रही थी साजिश
पठानकोट ब्लास्ट के आतंकी को शरण देने वाले आरोपितों तक पहुंचने के लिए एसटीएफ ने 40 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक टीम ने बाजपुर केलाखेड़ा के साथ ही दिल्ली रोड रुद्रपुर रोड और हल्द्वानी रोड पर जगह जगह लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले।
जागरण संवाददाता, रुद्रपुर : विधानसभा चुनाव से पहले पठानकोट ब्लास्ट के आतंकी हमले के साजिशकर्ता सुखप्रीत उर्फ सुख के ऊधमसिंहनगर में शरण लेना बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। इससे पहले कि वह अपने मंसूबों में कामयाब होता एसटीएफ ने उत्तराखंड में आतंकी माड्यूल तैयार होने से पहले ही ध्वस्त कर दिया है।
विधानसभा चुनाव नजदीक है। 14 फरवरी को मतदान और फिर 10 मार्च को मतगणना होनी है। इसे देखते हुए जिले में पर्याप्त मात्रा में कानून और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस, पीएसी के साथ ही सीआरपीएफ तैनात हो चुकी है। लेकिन मतदान से पहले यूएस नगर के बाजपुर-केलाखेड़ा से पंजाब के पठानकोट में आतंकी हमले का साजिशकर्ता सुखप्रीत उर्फ सुख के शरण लेने के मामले का एसटीएफ ने पर्दाफाश कर लिया है। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आतंकी को शरण देने वाले चार युवकों की गिरफ्तारी के बाद चर्चा है कि यह कोई बड़ी साजिश तो नहीं है।
गुरपाल और अजमेर खनन व्यवसाय से हैं जुड़े
गिरफ्तार शमशेर के दोनों साथी गुरपाल सिंह और अजमेर सिंह खनन व्यवसाय से जुड़े हैं। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक गुरपाल और अजमेर के डंपर भी हैं।
तीन से चार दिन रहा आतंकी
केलाखेड़ा और बाजपुर में शरण लेने वाला आतंकी सुखप्रीत तीन से चार दिन तक यहां पर रहा था। पुलिस के मुताबिक आते समय वह लुधियाना से होते हुए बाजपुर पहुंचा था। इसके बाद वह तीन दिन पहले यहां से चला गया था।
40 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले
आतंकी को शरण देने वाले आरोपितों तक पहुंचने के लिए एसटीएफ ने 40 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक टीम ने बाजपुर, केलाखेड़ा के साथ ही दिल्ली रोड, रुद्रपुर रोड और हल्द्वानी रोड पर जगह जगह लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। जिसमें से कुछ फुटेज में कार सवार आरोपित कैद हुए। इसके बाद लोकल खुफिया एजेंसियों से कार सवार आरोपितों की पहचान कराई गई और फिर उनकी गिरफ्तारी की गई।
फरार होने के चक्कर में थे चारों आरोपित
एसटीएफ को जब आतंकी के ऊधम सिंह नगर में शरण लेने के इनपुट मिले तो जांच में जुट गई थी। इस दौरान उसे शरण देने वाले चारों आरोपितों को भनक लग गई कि पुलिस यहां तक पहुंच सकती है। इसके बाद उन्होंने आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुख को सुरक्षित यहां से भगा दिया और फिर खुद भी भागने की फिराक में थे। वह अपने घर भी नहीं जा रहे थे।