जानिए कैसे तराई से भागा था पठानकोठ बम ब्लास्ट का आतंकी सुखप्रीत
एसटीएफ ने आतंकी सुखप्रीत के ऊधमसिंह नगर व नैनीताल तक आने की बात कहकर जांच शुरू कर दी थी। जांच में साफ हो गया है कि आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुख को हल्द्वानी तक चारों कार से छोड़कर गए।
दीप चंद्र बेलवाल, हल्द्वानी : पंजाब के पठानकोट बम ब्लास्ट का आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुख हल्द्वानी से रोडवेज बस में सवार होकर भागा था। रोडवेज बस का सहारा उसने इसलिए लिया कि पुलिस व अन्य एजेंसियां उसे पकड़ न सकें। कुमाऊं एसटीएफ की जांच में यह बात सामने आई है।
ऊधमसिंह नगर में एक दिन पहले एसटीएफ ने पठानकोट हमले के आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुख को शरण देने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपितों में शिव मंदिर ग्राम रामनगर, थाना केलाखेड़ा व हाल ग्राम कालेके, थाना खलचियां, जिला अमृतसर देहात, पंजाब निवासी शेर सिंह उर्फ शेरा उर्फ साबी व उसके भाई हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी, ग्राम बैतखेड़ी, थाना बाजपुर निवासी अजमेर सिंह मंड उर्फ लाडी व ग्राम गोलू टांडा आर्सल पार्सल थाना स्वार, रामपुर उप्र निवासी गुरपाल सिंह उर्फ गुरी ढिल्लो शामिल थे। सभी ने मिलकर आतंकी को बाजपुर व केलाखेड़ा में शरण दी थी।
एसटीएफ ने आतंकी के ऊधमसिंह नगर व नैनीताल तक आने की बात कहकर जांच शुरू कर दी थी। जांच में साफ हो गया है कि आतंकी सुखप्रीत उर्फ सुख को हल्द्वानी तक चारों कार से छोड़कर गए। रोडवेज स्टेशन में पहुंचने के बाद आतंकी एक बस में सवार होकर उत्तराखंड से भाग गया। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक हल्द्वानी में आतंकी रुका नहीं। वह सीधे रोडवेज बस में सवार हो गया था।
कार से जाता तो पकड़ा जाता
आतंकी सुखप्रीत के पीछे पुलिस व कई एजेंसिया लगी थीं। उसे पता था कि अगर वह कार से कहीं भी भागा तो सीमाओं या बैरियर पर चेकिंग के दौरान पकड़ा जाएगा। इसलिए वह अपने को सुरक्षित समझकर हल्द्वानी पहुंचा और रोडवेज बस से भागने में सफल भी रहा।
लिंक खंगाल रही एसटीएफ
आतंकी के उत्तराखंड में शरण लेने के मामले को एसटीएफ ने गंभीरता से लिया है। इस मामले में आतंकी के और लिंक खंगाले जा रहे हैं। इस बात की तस्दीक भी जारी है कि वह किस बस से सवार होकर गया था। एटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि आतंकी के उत्तराखंड में आना गंभीर मामला है। टीम हर एक कोण की बारीकी से जांच कर रही है। आतंकी हल्द्वानी से भागा था। उसने बस का सहारा लिया।