बिन्दुखत्ता में 14 से बंद है धान क्रय केन्द्र, उपज बेचने के लिए किसान परेशान
बिन्दुखत्ता में खोले गए एकमात्र धान क्रय केंद्र पिछले 14 नवंबर से बंद होने से हजारों किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। क्रय केंद्र के खुलने या ना खुलने की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण किसान असमंजस में है।
बिंदुखत्ता, जेएनएन : बिन्दुखत्ता में खोले गए एकमात्र धान क्रय केंद्र पिछले 14 नवंबर से बंद होने से हजारों किसान आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। क्रय केंद्र के खुलने या ना खुलने की स्थिति स्पष्ट नहीं होने के कारण किसान असमंजस में है। राजस्व गांव ना होने के कारण बिन्दुखत्ता में धान क्रय केंद्र खोलने में काफी दिक्कतें आईं। किसानों की मांग पर विधायक नवीन दुम्का के प्रयासों से दो नवम्बर को बिन्दुखत्ता के शास्त्रीनगर में धान क्रय केंद्र खोला गया।
मजदूरों की कमी के कारण कछुआ चाल से चल रहे क्रय केंद्र में 11 दिन में मात्र 141 किसानों का 2850 क्विंटल धान की ही तौल हो पाई। जबकि इन 11 दिनों में 678 काश्तकारों ने धान क्रय केंद्र में धान बेचने का पंजीकरण कराया था। पंजीकरण कराने वालों का आना जारी था कि मजदूरी की कमी का बहाना कर क्रय केंद्र को बंद कर दिया। जिसके बाद 437 पंजीकृत किसानों के अलावा हजारों किसानों की उपज धान क्रय केन्द्र खुलने का इंतजार कर रही है। धान क्रय केंद्र के बंद होने से किसानों के आगे जहां आर्थिक संकट छाया है वहीं पैसा नही होने के कारण अगली खेती भी प्रभावित हो रही है।
लालकुआ। धान क्रय केंद्र बंद होने के कारण काश्तकार अपनी उपज की बिचौलियों को औने पौने दाम में बेचने को मजबूर है। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। बता दे कि धान क्रय केंद्र में 1868 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिल रहा है जबकि बिचौलिए 12 से 13 सौ रुपये से धान खरीद रहे है। यानी किसानों को एक क्विंटल में करीब 5 सौ रुपये का घाटा हो रहा है। काश्तकार योगेश मिश्रा ने बताया कि धान क्रय केंद्र बंद हो गया है। अगली फसल बोने के लिए पैसों की जरूरत थी तो साढ़े 12सौ रुपये में धान बेच दिए। प्रभारी धान क्रय केंद्र देवी दत्त बमेटा ने बताया कि दीपावली के बाद से धान क्रय केंद्र बंद है। शाशन से आदेश आते ही धान क्रय केंद्र खोल दिया जाएगा।