जिप्सी चालकों को रोटेशन सिस्टम में विकल्प देने पर आक्रोश, सीटीआर निदेशक राहुल से मिले मालिक
निदेशक से कहा कि रोटेशन को पूरी तरह पारदर्शी तरीके से लागू करने एक माह तक जिप्सियों का नम्बर रिपीट न होने व पर्यटकों को सफारी पर ले जाने के लिए अनिवार्य गेट टू गेट पिक अप व ड्राप की व्यवस्था किये जाने की मांग की है।
जागरण संवाददाता, रामनगर: कार्बेट पार्क में जिप्सियों को पूरी तरह से रोटेशन से चलाने की मांग को लेकर जिप्सी मालिकों का धरना जारी रहा। इस मौके पर पारिस्थितिकी विकास समिति ईडीसी से जुड़े जिप्सी मालिक सीटीआर निदेशक राहुल से मिले। उन्होंने रोटेशन में विकल्प हटाने की मांग की।
निदेशक को बताया कि कार्बेट में सफारी के लिए पंजीकृत 360 जिप्सियों को रोटेशन सिस्टम से चलाने का आदेश विभाग ने लागू किया था। जिसमें सभी जिप्सियों का नम्बर समान रूप से आना था। लेकिन बड़े टूर ऑपरेटर के दबाव में विभाग ने रोटेशन सिस्टम में अब अपनी पसंद की 38 जिप्सियों को सफारी में भेजने का विकल्प दे दिया। इससे रोटेशन सिस्टम का असल मकसद ही खत। हो गया। विभाग ने खुद टूर ऑपरेटर को रोटेशन सिस्टम में विकल्प देकर छूट दे दी है। उन्होंने निदेशक से कहा कि रोटेशन को पूरी तरह पारदर्शी तरीके से लागू करने, एक माह तक जिप्सियों का नम्बर रिपीट न होने व पर्यटकों को सफारी पर ले जाने के लिए अनिवार्य गेट टू गेट पिक अप व ड्राप की व्यवस्था किये जाने की मांग की है। इसके अलावा जिप्सी चालक के बीमार होने पर दूसरे चालक को जिप्सी चलाने की अनुमति देने के अलावा कार्बेट पार्क के पर्यटन व्यवसाय में जंगली जानवरों से प्रभावित स्थानीय ग्रामीणों को प्राथमिकता दी जाए।
निदेशक ने जिप्सी मालिकों से एक माह तक वर्तमान रोटेशन व्यवस्था को देखने के लिए कहा। यदि कोई समस्या सामने आएगी तो उसे ठीक किया जाएगा। विभाग का मकसद सभी को समान रूप से रोजगार देना है। इस दौरान कमल अधिकारी, महेश जोशी, प्रेम महरा मौजूद रहे।