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हल्द्वानी में उपनल कर्मियों की हड़ताल से टले ऑपरेशन, बढ़ी मरीजों की समस्याएं, कोविड में बढ़ सकती है मुसीबत

उपनल कर्मियों की हड़ताल ने मुसीबत बढ़ा दी है। इसकी वजह से ऑपरेशन टल गए हैं और ब्लड जांच भी प्रभावित हो गई हैं। तमाम अन्य कार्य प्रभावित होने से मरीजों को लौटना पड़ रहा है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इमरजेंसी व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 11:07 AM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 11:07 AM (IST)
हल्द्वानी में उपनल कर्मियों की हड़ताल से टले ऑपरेशन, बढ़ी मरीजों की समस्याएं, कोविड में बढ़ सकती है मुसीबत
ईएनटी, सर्जरी, हड्डी रोग, नेत्र रोग विभाग के करीब 30 से अधिक ऑपरेशन टाल दिए गए हैं।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय में उपनल कर्मियों की हड़ताल ने मुसीबत बढ़ा दी है। इसकी वजह से ऑपरेशन टल गए हैं और ब्लड जांच भी प्रभावित हो गई हैं। तमाम अन्य कार्य प्रभावित होने से मरीजों को लौटना पड़ रहा है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इमरजेंसी मरीजों के लिए व्यवस्था दुरुस्त की जाएगी।

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समान कार्य-समान वेतन व नियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे उपनल कर्मियों का कहना है कि सरकार को उनकी पीड़ा महसूस करनी चाहिए। 15 साल से काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी ओर ध्यान नहीं दिया गया। अब मजबूर होकर आंदोलन करने को बाध्य हैं। धरने में नीरज हैडिय़ा, अजय कुमार, चंचल कुमार, चंदू कफल्टिया, सुशील मसीह, हेमा आर्या, दीपा जोशी, मोनिका माही, पान सिंह, मनीष तिवारी, मनीष रौतेला, रमेश पलडिय़ा, अंजली बाफिला आदि शामिल रहे। वहीं, कोरोना के बढ़ते मरीजों के चलते हड़ताल की वजह से और अधिक दिक्कत आ सकती है।

हर विभाग के 30 से अधिक ऑपरेशन टले

अधिकांश ओटी टेक्शीनियन उपनल कर्मी ही हैं। इसलिए ईएनटी, सर्जरी, हड्डी रोग, नेत्र रोग विभाग के करीब 30 से अधिक ऑपरेशन टाल दिए गए हैं। इन मरीजों को हड़ताल की वजह से बाद में ऑपरेशन किए जाने की सलाह दी गई है। वहीं, खून से संबंधित 200 से अधिक सैंपल ही नहीं लिए जा सके।

एसटीएच परिसर से मेडिकल कॉलेज में हुए शिफ्ट

एसटीएच परिसर में डेढ़ दिन धरना देने के बाद उपनल कर्मचारी शुक्रवार दोपहर में मेडिकल कॉलेज परिसर में पहुंच गए। कॉलेज प्रशासन ने अस्पताल में धरना देने पर नाराजगी भी जताई।

बाहर से बुलाए जाएंगे सफाई कर्मचारी

सभी सफाई कर्मचारी उपनल से कार्यरत हैं। इसकी वजह से गंदगी की समस्या बढ़ गई है। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अस्तपाल प्रबंधन बाहर से सफाई कर्मचारियों को बुलाएगा।

यह रही अस्पताल की स्थिति

जांच           मरीज

सीटी स्कैन         26

एमआरआइ        15

अल्ट्रासाउंड       06

एक्सरे            105

ओपीडी           644

इमरजेंसी ओपीडी   55

एसटीएच के चिकित्सा अधीक्षक डा. अरुण जोशी ने बताया कि हमारे पास 95 फीसद स्टाफ आउटसोर्स का है। इसलिए फर्क पडऩा स्वाभाविक है। इसकी वजह से ऑपरेशन टालने पड़ रहे हैं। कई अन्य कार्य प्रभावित हुए हैं। इमरजेंसी में मरीजों की सुविधाएं मिल सके। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

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