युवाओं को कुमाऊंनी भाषा से जोड़ रही ऑनलाइन सीरीज, कोरोना काल में शुरू हुई विशेष श्रृंखला
क भाषाओं को प्रसारित करने के उद्देश्य से कोरोना काल में जून में शुरू हुई फेसबुक लाइव म्योर पहाड़ मेरि पछ्यांण यानी मेरा पहाड़ मेरी पहचान की विशेष कुमाऊंनी साक्षात्कार की सीरीज 50 संस्करण पूरे करने जा रही है।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : लोक भाषाओं को प्रसारित करने के उद्देश्य से कोरोना काल में जून में शुरू हुई फेसबुक लाइव म्योर पहाड़ मेरि पछ्यांण यानी मेरा पहाड़ मेरी पहचान की विशेष कुमाऊंनी साक्षात्कार की सीरीज 50 संस्करण पूरे करने जा रही है। 25 दिसंबर को शाम छह बजे कुमाऊंनी शब्द संपदा फेसबुक पेज के माध्यम से यह प्रसारित होगा। खास कार्यक्रम में प्रसिद्ध भाषाविद डा. सुरेश पंत का कुमाऊंनी साक्षात्कार वरिष्ठ पत्रकार नवीन जोशी लेंगे।
रुद्रपुर स्थित कंपनी में कार्यरत संस्कृति कर्मी हेम पंत की पहल पर विशेष सीरीज शुरू हुई थी। आठ दिसंबर को 45वीं कड़ी में लोक गायिका पद्मश्री बसंती बिष्ट का साक्षात्कार प्रसारित हुआ। दिल्ली शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रधानाध्यापिका डा. राजेश्वरी कापड़ी ने इस साक्षात्कार को लिया। इसमें देश-विदेश से 200 से अधिक लोग जुड़े। एक दिन में ही साक्षात्कार को 25 हजार से अधिक लोग देख चुके हैं।
रंगकर्मी भूपेश जोशी से हुई शुरुआत
हेम पंत के अनुसार जून महीने में दिल्ली निवासी प्रसिद्ध रंगकर्मी भूपेश जोशी के साथ पहली कुमाऊंनी बातचीत प्रसारित हुई। उसके बाद प्रत्येक मंगलवार व शुक्रवार को प्रसारित होने वाले इस लाइव कार्यक्रम में कई वैज्ञानिक, संस्कृति कर्मी, लेखक, खिलाड़ी, पत्रकार, रंगकर्मी, प्रशासनिक अधिकारी व राजनैतिक शख्सियतों के साक्षात्कार प्रसारित हो चुके हैं। पद्मश्री बसंती बिष्ट, डा यशोधर मठपाल, शेखर जोशी, पुष्पेश पंत, अनूप साह, लवराज धर्मशक्तू, डा. प्रयाग जोशी, देवेन मेवाड़ी, प्रभात उप्रेती, चारु तिवारी, गजेंद्र पांगती, प्रो. पूरन चंद्र जोशी, डॉ. जीके पाठक, डा. जीएस मुनगली, जुगल किशोर पेटशाली, डा. शैलेश उप्रेती, राजीव लोचन साह, पदमा दत्त पंत, पूर्व सीएम हरीश रावत, काशी सिंह ऐरी, राजेंद्र धामी के नाम शामिल हैं।
क्षेत्रीय भाषाओं को मुख्य धारा में लाना उद्देश्य
आयोजन का उद्देश्य क्षेत्रीय भाषाओं को मुख्य धारा में लाना है। कार्यक्रम को युवा पसंद कर रहे हैं। अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि व यश प्राप्त व्यक्तियों में कुमाऊंनी साक्षात्कार खूब शेयर किए जा रहे हैं। साफ्टवेयर इंजीनियर हिमांशु पाठक रिक्की कहते हैं कि इससे कुमाऊंनी बोली का व्यापक प्रचार-प्रसार हो रहा है। म्योर पहाड़ मेरि पछ्यांण टीम से अलग-अलग शहरों से कोनी पाठक, नीरज भट्ट, विनोद पंत, कमल पंत, सरोज जोशी, महिपाल मेहता, दयाल पांडे, दीपक पनेरू, अनुराग, मुकेश पांडे डोई आदि जुड़े हुए हैं।
किताबों पर पैनल चर्चा
दिवंगत विभूतियों के योगदान को याद करने के लिए हमार पुरुख नाम से पैनल चर्चा भी शुरू की गई है। हमार पुरुख के पहले और दूसरे संस्करण में चॢचत लेखक शैलेश मटियानी और वैज्ञानिक डा. डीडी पंत के विषय में चर्चा की गई। हमार पुरुख की तीसरी कड़ी में भूवैज्ञानिक प्रो. केएस वल्दिया के व्यक्तित्व पर केंद्रित पैनल चर्चा का प्रसारण रविवार 13 दिसंबर को होना है।