सड़क पर हुए हर दूसरे हादसे में एक शख्स ने गंवाई जान
दीवाली की सुबह रामपुर रोड पर हुए हादसे में 22 साल के ललित की मौत ने एक झटके में परिवार की खुशियों को खत्म कर दिया।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी: दीवाली की सुबह रामपुर रोड पर हुए हादसे में 22 साल के ललित की मौत ने एक झटके में परिवार की खुशियों को खत्म कर दिया। गोवर्द्धन पूजा वाले दिन हल्दूचौड़ में बेलगाम कार ने महिला की जिदंगी खत्म कर दी। वहीं, भैया दूज पर कमलुवागांजा में हुए हादसे में तीन बहनों के इकलौते भाई की जान चली गई। त्योहार के वक्त अपनों से बिछुड़ने का गम ताउम्र रहता है। बात अगर नैनीताल जिले की करें तो पिछले तीन साल में हर दूसरे हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
परिवहन विभाग की एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल हाईवे पर हुए हादसों में मृतकों की संख्या 62 फीसद, स्टेट हाईवे पर 19 फीसद, ग्रामीण क्षेत्रों में 70.8 फीसद और खुली जगहों पर 58 फीसद रही। यानी ग्रामीण क्षेत्र में होने वाले हादसे ज्यादा दर्द देते हैं। चेकिंग की कमी के कारण यहां हादसों का ग्राफ बढ़ रहा है। 2018-19 व इस साल तक नैनीताल जिले में हुए 424 हादसों में 206 लोगों की मौत हुई और 348 लोग घायल हुए। पांच लोग ऐसे भी थे जिनके उपचार के दौरान बाद में मौत हुई। इससे आंकड़ा 211 पहुंच गया। वहीं, हादसों की सबसे बड़ी वजह 73.5 फीसद ओवर स्पीडिंग को माना गया है नैनीताल जिला
साल हादसे मौत घायल
2018 156 81 149
2019 163 73 119
2020 105 52 80 कुमाऊं के लिए अप्रैल अच्छा
लाकडाउन के दौरान पुलिस की सख्ती ने लोगों को कोरोना के साथ-साथ हादसों की चपेट में आने से भी बचाया। आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल में छह जिलों वाले कुमाऊं में सड़क हादसों में सिर्फ एक व्यक्ति की जान गई। चम्पावत में यह घटना हुई थी। हालांकि, अनलाक सीजन के साथ ही हादसे का ग्राफ भी बढ़ने लगा। बाइक से ज्यादा कार के एक्सीडेंट
साल 2000 से लेकर 2017 तक राज्य में हुए सड़क हादसों का ग्राफ बताता है कि दोपहिया से ज्यादा कार सवारों संग हादसे ज्यादा हुए। इस अवधि में प्रदेश के सभी जिलों में कुल 7477 एक्सीडेंट हुए। यानी हर महीने 36 हादसे। जिसमें 2129 कार हादसे, 1548 बाइक, 1139 ट्रक, 969 टैक्सी, 849 जीप और 843 बस हादसे सामने आए। अलग-अलग मामलों में 2497 लोगों को जान गंवानी पड़ी। जबकि घायलों का आंकड़ा पांच हजार पार कर गया।