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Makar Sankranti 2021 : मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने सरयू-गार्गी में लगाई आस्था की डुबकी, बालकों का किया यज्ञोपवीत संस्कार

स्नान और पूजन के साथ ही परिजनों संग आए बालकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया। दिन चढ़ने के साथ ही नदी किनारे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती रही। स्नान के बाद रानीबाग के चित्ररेश्वर महादेव मंदिर और शनि देव मंदिर में लोगों ने पूजा की।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 14 Jan 2021 02:10 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jan 2021 09:36 PM (IST)
Makar Sankranti 2021 : मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने सरयू-गार्गी में लगाई आस्था की डुबकी, बालकों का किया यज्ञोपवीत संस्कार
कत्यूरी वंशजों ने गर्गी नदी में डुबकी लगाकर संक्रांति का स्नान किया।

जागरण टीम, हल्द्वानी/ बागेश्‍वर : सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने की मकर संक्रांति पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरुवार को रानीबाग स्थित गार्गी नदी में आस्था की डुबकी लगाई। वहीं बागेश्‍वर के संगम में तड़के से ही लोग स्‍नान को उमड़ पड़े। सुबह के समय कड़ाके ठंड में जल में स्नान कर भगवान सूर्यदेव को अ‌र्घ्य दिया गया। मंदिरों में भगवान का पूजन कर खिचड़ी का भोग लगाया।

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मकर संक्रांति का स्नान करने के लिए तड़के चार बजे से ही लोग रानीबाग पहुंचने लगे थे। स्नान और पूजन के साथ ही परिजनों संग आए बालकों का यज्ञोपवीत संस्कार कराया। दिन चढ़ने के साथ ही नदी किनारे श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती रही। स्नान के बाद रानीबाग के चित्ररेश्वर महादेव मंदिर और शनि देव मंदिर में लोगों ने पूजा की। परिसर में श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी कार्यक्रम का आयोजन किया।

मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन ही पवित्र गंगा नदी का धरती पर अवतरण हुआ था। समस्त नदियों को गंगा जैसा निर्मल और स्वच्छ बनाने के संकल्प के साथ आज गार्गी में स्नान के बाद खिचड़ी का प्रसाद बनाकर वितरित किया गया। हीरानगर स्थित गोलज्यू मंदिर में सामूहिक विवाह हुए।

जियारानी का आशीर्वाद लेकर लौटे कत्यूर वंशज

मकर संक्रांति पर कुमाऊं के विभिन्न जिलों से अपनी कुलदेवी जियारानी का पूजन करने के लिए रानीबाग आए कत्यूरी वंशज गुरुवार तड़के गार्गी नदी में स्नान कर अपने घरों को लौटे। जगरियों और पुजारियों के साथ ढोल-दमाऊं और मशकबीन पर जियारानी के जागरों की धुन बजाते हुए कत्यूरी वंशज नदी किनारे पहुंचे। तट पर जियारानी के घाघरे की छाप वाली शिला का धूप, दीप और पुष्प अर्पण कर पूजन किया। परिवार के साथ कत्यूरी वंशजों ने गर्गी नदी में डुबकी लगाकर संक्रांति का स्नान किया। गढ़वाल के धूमाकोट, कुमाऊं के भिकियासैंण, चम्पावत, रानीखेत सहित आसपास के क्षेत्रों से अपने परिजनों के साथ कत्यूरी वंशज जत्थों में बुधवार को जियारानी का पूजन करने के लिए पहुंचे थे।

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बागेश्वर में संगम में स्नान कर की सुख, समृद्धि ऐश्वर्य की कामना

जिले में उत्तरायणी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। कोविड-19 महामारी के कारण इस बार भले ही व्यापारिक मेला नही हो पाया हो। लेकिन पवित्र स्नान करने वाले श्रद्धलुओं की भीड़ सरयू संगम में जुटी रही। गुरुवार तड़के से ही सरयू  संगम में स्नान करने वालों की भीड़ जुटी रही। लोगों ने बागनाथ मंदिर में पूजा अर्चना कर सुख, समृद्धि, ऐश्वर्य की कामना की। इसके बाद सरयू तट पर जनेऊ संस्कार किये गए। माघी खिचड़ी का आयोजन किया गया। कुछ स्थानीय दुकानदारों बे संगम तट पर दुकानें भी लगाई थी। दोपहर तक दूर दूर से लोगों का पहुचना जारी था।

मेले को शांतिपूर्वक करवाने के लिए दो जोन और छह सेक्टर में बांटा गया है। दो अस्थाई पुलिस चौकी भी बनाई गई हैं और एसडीएम को मेलाधिकारी और सीएम को मेला प्रभारी नियुक्त किया गया है। पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि यातायात व्यवस्था के लिए दो पुलिस उपाधीक्षक, एक निरीक्षण, उपनिरीक्षक और जवानों की तैनाती की गई है। मेले के दौरान अराजक तत्वों, महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करने वालों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई होगी। सरयू बगड़ में खोया-पाया केंद्र बनाया गया है।


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