विजय दिवस : 16 दिसंबर 1971 के दिन विश्व ने माना था भारतीय सेना का लोहा, 93 हजार पाक सैनिकाें ने किया था आत्मसमर्पण
वक्ताओं ने कहा कि देश के लिए सहादत देने वालों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 1971 कि युद्ध मे भारतीय जवानों की वीरता का लोहा पूरा विश्व ने माना। पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने आत्मसर्पण किया था जो कि एक विश्व रिकार्ड भी है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कोरोना काल के बीच बुधवार को हल्द्वानी में सादगी के साथ विजय दिवस मनाया गया। नैनीताल रोड स्थित शहीद स्मारक पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार मीणा, अपर जिलाधिकारी एसएस जंगापांगी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन डीएस धपोला, मेजर जनरल (से.नि.) इन्द्रजीत बोरा, व सेवानिवृत्त सैनिक अधिकारियों ने 1971 में भारत-पाक युद्ध में जिले के शहीद हुए सैनिकों को पुष्प एवं पुष्प चक्र चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि देश के लिए सहादत देने वालों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। 1971 कि युद्ध मे भारतीय जवानों की वीरता का लोहा पूरा विश्व ने माना। पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने आत्मसर्पण किया था, जो कि एक विश्व रिकार्ड भी है।
कार्यकम में एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने कहा कि विजय दिवस सेना के अदम्य साहस व शौर्य का प्रतीक है। सैनिकों के पराक्रम के बल पर भारत ने विजय प्राप्त की थी। इसलिये हर भारतीय को सेना व सैनिकों पर गर्व है।वहीं, अपर जिलाधिकारी ने कहा उत्तराखंड को वीर सैनिकों की भूमि कहा जाता है। इसलिये उनके स्तर से सैनिकों की सभी समस्याओं का त्वरित गति से निदान किया जाएगा। श्रद्धांजलि देने वालों में कर्नल डीएस बिष्ट, कर्नल एस. वाशिंगटन, पुलिस अधीक्षक नगर अमित श्रीवास्तव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा प्रसाद, मेजर (से.नि.) कुवर सिह, मेजर बीएस रौतेला, कैप्टन डीएस खर्कवाल, एसएस रौतेला, तारा चन्द्र जोशी, दीप चन्द्र पाण्डे, नरेन्द्र बोहरा, जगत बोरा, कैलाश चन्द्र, ललित सिंह, शंकर सिंह, हरीश कुमार सहित सेवानिवृत्त अफसर व सैन्यकर्मी मौजूद रहे।