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प‍िथौरागढ़ में मौसम से कुछ राहत पर चीन सीमा का संपर्क अभी भी भंग, नहीं खुले 14 मार्ग

16 दिनों से अलग-थलग पड़े होकरा गांव में तो खाद्य सामग्री के अभाव की स्थिति बन चुकी है। सड़क और पैदल मार्ग बह जाने से ग्रामीण गांव से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। होकरा जर्थी और गौला गांव के ग्रामीण गांवों में ही कैद होकर रह गए हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Mon, 06 Sep 2021 11:02 PM (IST)Updated: Mon, 06 Sep 2021 11:02 PM (IST)
प‍िथौरागढ़ में मौसम से कुछ राहत पर चीन सीमा का संपर्क अभी भी भंग, नहीं खुले 14 मार्ग
तवाघाट-गर्बाधार -लिपुलेख मार्ग अभी भी यातायात के लिए नहीं खुल सका है।

टीम जागरण, जाटी, पिथौरागढ़/धारचूला/मुनस्यारी : फिलहाल मौसम ने राहत दी है परंतु बीते दिनों की बारिश के जख्मों का फल लगभग एक लाख की आबादी झेल रही है। तल्ला, मल्ला दारमा के 40 गांवों की स्थिति बेहद दयनीय हो चुकी है। विगत 16 दिनों से अलग-थलग पड़े होकरा गांव में तो खाद्य सामग्री के अभाव की स्थिति बन चुकी है। सड़क और पैदल मार्ग बह जाने से ग्रामीण गांव से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। होकरा, जर्थी और गौला गांव के ग्रामीण गांवों में ही कैद होकर रह गए हैं। चीन सीमा का संपर्क भंग हो गया है, जबकि जिले में 14 मार्ग बंद हैं।

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धारचूला तहसील क्षेत्र में बीते सप्ताह बादल फटने से टनकपुर-तवाघाट हाईवे में धारचूला से तवाघाट के मध्य बंद मार्ग बीआरओ ने रविवार को खोल दिया था परंतु तवाघाट-गर्बाधार -लिपुलेख मार्ग अभी भी यातायात के लिए नहीं खुल सका है। दो स्थानों पर बंद इस मार्ग को खोलने के लिए बीआरओ युद्धस्तर पर जुटा है। दोनों तरफ से मजदूर और मशीनें लगी हैं। दूसरी तरफ चीन सीमा को जोडऩे वाली तवाघाट-सोबला-तिदांग मार्ग बदहाल है। मार्ग 83वें दिन भी यातायात के लिए बंद रहा।

दारमा मार्ग के 15 किमी क्षेत्र में पैदल चलने को भी रास्ता नहीं है।सीपीडब्ल्यूूडी उच्च हिमालय से दारमा मार्ग खोलने में जुटी है, जिसके अभी जल्द खुलने के आसार नहीं हैं। जौलजीबी-मुनस्यारी मार्ग आठवेंं दिन छोटे वाहनों के लिए खुला। बड़े वाहन नहीं चलने से मदकोट सहित अन्य क्षेत्रों में सब्जी, गैस आदि की किल्लत बनी है। क्षेत्र में प्याज ,टमाटर व अन्य सब्जियां नहीं मिल रही हैं। लोग केवल आलू खाने को ही मजबूर हैं। मुनस्यारी से चीन सीमा मिलम तक निर्माणाधीन सड़क और पैदल मार्ग बंद हैं। नंदाष्टमी पर्व करीब आ चुका है। जोहार के लोगों के सम्मुख नंदाष्टमी पर्व के लिए जोहार जाने की समस्या बनी हुई है। जनता ने नंदाष्टमी पर्व को देखते हुए हेलीकॉप्टर सेवा चलाने की मांग की है।

जिले में नौ ग्रामीण मार्ग अभी भी बंद हैं, जिनमें से कुछ मार्ग विगत ढाई माह से बंद हैं। ग्रामीण मार्ग बंद होने से लगभग चालीस हजार की ग्रामीण आबादी पैदल चलने को मजबूर है। जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने  सड़क से संबंधित विभागों को हर हाल में 15 सितंबर तक सभी मार्ग खोलने की सख्त चेतावनी दी है। सोमवार सुबह सीमांत में हल्की बारिश हुई और जिले के अधिकांश भू भाग में मौसम सामान्य बना रहा।


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