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मुकदमा दर्ज होने पर पालिकाध्यक्ष ने कहा-आदेशों की आवेहलना कर रहे ईओ

पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा ने कहा कि ईओ जोशी बार-बार मेरे आदेशों की आवेहलना कर रहे हैं। 30 अक्टूबर तक तीन बार पत्र देने के बाद भी उन्होंने टेंडर निरस्त की कार्यवाही नहीं की। अखबार में टेंडर निरस्त का विज्ञापन प्रकाशित नहीं करवाया।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 05:09 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 05:09 PM (IST)
मुकदमा दर्ज होने पर पालिकाध्यक्ष ने कहा-आदेशों की आवेहलना कर रहे ईओ
ईओ भूपेंद्र जोशी ने बताया कि पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा व कई सभासद गलत कार्य करने का दबाव बना रहे हैं।

जागरण संवाददाता, चम्पावत : पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा ने कहा कि ईओ जोशी बार-बार मेरे आदेशों की आवेहलना कर रहे हैं। 30 अक्टूबर तक तीन बार पत्र देने के बाद भी उन्होंने टेंडर निरस्त की कार्यवाही नहीं की। अखबार में टेंडर निरस्त का विज्ञापन प्रकाशित नहीं करवाया। नौ नवंबर को बोर्ड बैठक बुलाने के लिए पत्र दिया लेकिन बैठक के लिए संबंधित सभासदों व अधिकारियों को सूचित नहीं किया। मैंने स्वयं सभी को सूचना प्रेषित की। बैठक के दिन बैठक की सूचना जारी करने का क्या उद्देश्य है। बोर्ड रजिस्टर नहीं दिया गया। डिस्पेच रजिस्टर तक आलमारी में बंद किया है। पत्रों में पत्रांक नहीं पड़ रहे हैं। ईओ द्वारा अभद्रता करने व जान से मारने की धमकी देने जैसे लगाए गए सभी आरोप गलत हैं। वह स्वयं सभी कर्मचारियों व सभासदों से अभद्रता कर रहे हैं और कार्यों में बाधा पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। इससे क्षेत्र के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। 

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गलत कार्यों को करने का पालिकाध्यक्ष बना रहे दबाव : ईओ

ईओ भूपेंद्र जोशी ने बताया कि पालिकाध्यक्ष विजय वर्मा व कई सभासद लगातार गलत कार्य करने का दबाव बना रहे हैं। टेंडर प्रकाशित होने के बाद टेंडर फार्म बिकने शुरू हो गए। करीब सात लाख रुपये के टेंडर फार्म बिक गए। ऐसे में टेंडर कैसे निरस्त किए जा सकते हैं। ठेकेदारों को टेंडर धनराशि कैसे वापस होगी। पालिकाध्यक्ष द्वारा टेंडर निरस्त किए जाने का कोई भी पत्र नहीं मिला। उन्होंने करीब दस कार्यों को अपने सभासदों को देने के लिए कहा लेकिन मैंने टेंडर प्रक्रिया के तहत कार्यों कराए जाने की बात कही। जिससे वह नाराज हो गए। वहीं पालिकाध्यक्ष द्वारा बार-बार बोर्ड बैठक बुलाई जा रही है। जिससे कार्य प्रभावित होते हैं। मुझे गुरुवार को बोर्ड बैठक बुलाने का पत्र मिला तो पत्र जारी कर सभी को सूचना भेजी गई। मैं किसी भी दबाव में गलत कार्य नहीं करूंगा। 

बगैर टेंडर कराए कार्यों को आवंटित कराने को दी पर्ची

नगर पालिका द्वारा अक्टूबर माह में जारी टेंडर विज्ञापन में लाखों रुपये के करीब 28 काम रखे गए। इसके लिए 25 से 30 अक्टूबर तक टेंडर फार्म बिक्री करने, आठ नवंबर तक टेंडर जमा करने व 10 नवंबर को टेंडर खोलने की तिथि तय की गई थी। दस नवंबर को छठ पर्व का अवकाश होने के कारण 11 नवंबर को टेंडर खोले जाने थे। टेंडर प्रक्रिया शुरू होने के बाद पालिकाध्यक्ष ने करीब दस कार्यों के नंबर व सभासदों के नाम लिखकर ईओ को दिए थे। उन्होंने ईओ से इन कार्यों के टेंडर फार्म न बेचने की बात कही थी लेकिन पालिकाध्यक्ष ने कहा कि मैंने उन कार्यों को न कराने की बात कहते हुए टेंडर निरस्त करने के लिए कहा था। जिसे ईओ ने गलत समझ लिया। टेंडर में कई ऐसे कार्य रखे गए थे जो पूर्व में हो चुके थे। इसलिए उन्हें निरस्त किया गया। बगैर टेंडर के किसी को मैं कार्य देने के लिए कैसे कह सकता हूं। 

ईओ के पक्ष में दिखे ठेकेदार

नगर पालिका में करीब 30 ठेकेदार पंजीकृत हैं। जिन्होंने कार्यों के लिए टेंडर फार्म डाले हैं। ठेकेदार सुंदर बोहरा, कृण्णानंद जोशी, प्रकाश पांडेय, हरीश जोशी, सुनील पुनेठा, मनदीप आदि ने बताया कि टेंडर फार्मों की बिक्री से ही पालिका को करीब सात लाख से अधिक की आय हुई है। इससे पहले कभी भी इतने साफ तरीके से टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।

ईओ द्वारा सभी तरीके से टेंडर प्रक्रिया पूरी कराई जा रही है। अगर टेंडर निरस्त होता है तो पालिका को फिर से टेंडर निकालने में लाखों रुपये खर्च करने होंगे। हम ही लोग तो कार्य करेंगे। हम लोग यह कार्य करने को तैयार है। अगर कोई कार्य पूर्व में हुआ है तो उसे निरस्त कर अन्य कार्यों के टेंडर हो सकते हैं। यह कार्य भी तो पालिकाध्यक्ष ने देख कर ही रखे थे तो यह उन्होंने पहले क्यों नहीं देखा। 


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