आइएसबीटी की पुरानी जमीन अस्थायी बस अड्डा बनी, इंदिरा ने कहा अब समझ आई अहमियत
बाहर फंसे प्रवासियों को हल्द्वानी से पहाड़ भिजवाने के लिए आइएसबीटी की पुरानी जमीन को इस समय अस्थायी बस अड्ढे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : बाहर फंसे प्रवासियों को हल्द्वानी से पहाड़ भिजवाने के लिए आइएसबीटी की पुरानी जमीन को इस समय अस्थायी बस अड्ढे के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। रोडवेज स्टेशन के पास ज्यादा जगह नहीं होने की वजह से गौलापार इसके लिए बेहतर भी है।
वहीं, अब नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि उनके द्वारा प्रस्तावित आइएसबीटी की जगह को रोडवेज की बसें खड़ी करने का केंद्र बनाया गया है। जबकि सरकार तीन साल बाद भी नई जमीन का चयन नहीं कर सकी। इसलिए गौलापार में ही आइएसबीटी का निर्माण किया जाए। सरकार को जल्द इस मामले में निर्णय लेना चाहिए।
कांग्रेस सरकार में वित्तमंत्री रहते हुए डॉ. इंदिरा हृदयेश ने गौलापार में आइएसबीटी का प्रस्ताव तैयार किया था। आठ हेक्टेयर वनभूमि परिवहन विभाग के नाम ट्रांसफर होने के बाद निर्माणदायी संस्था का चयन कर काम शुरू भी करवाया गया। मगर सरकार बदलते ही आइएसबीटी पर ग्रहण लग गया। गौलापार में प्रोजेक्ट को रद्द करने के साथ जल्द नई जमीन का चयन कर निर्माण का दावा किया गया था। मगर तीन साल बाद भी भूमि नहीं मिल सकी।
वहीं, इन दिनों गौलापार के खाली पड़े मैदान को अस्थायी बस अड्ढे का रंग दिया गया है। जांच के बाद प्रवासी यहीं से गांव को जा रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने कहा कि अहम प्रोजेक्ट को लेकर गंभीरता से सोचना चाहिए।
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