यहां अफसरों के लिए नहीं हैं प्रोटोकॉल के मायने
सूबे में अफसरों के लिए प्रोटोकॉल के कोई मायने नहीं है। यही वजह है कि अपर मुख्य सचिव के नैनीताल पहुंचन पर कोई अधिकारी उन्हें रिसीव करने नहीं पहुंचा।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : सूबे में अफसरों के लिए प्रोटोकॉल के कोई मायने नहीं है। यही वजह है कि अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अगुवानी के लिए उत्तराखंड प्रशासन अकादमी में जिलास्तर के न प्रशासनिक अफसर मौजूद थे न ही विभागीय। एसीएस के दौरे पर प्रोटोकॉल के इस उल्लंघन को लेकर साथ आए अधिकारी भी हैरत में थे।
दरअसल, एसीएस राधा रतूड़ी हाई कोर्ट में किशोर न्याय बोर्ड की बैठक में हिस्सा लेने आई थीं। वह दोपहर को हल्द्वानी से नैनीताल पहुंचीं। यहां जब वह प्रशासनिक अकादमी पहुंचीं तो अकादमी से सूचना मिलने पर राजस्व परिषद के सदस्य व अकादमी के निदेशक एएस नयाल पहुंच गए। संयुक्त निदेशक विनोद गिरी गोस्वामी भी आए, मगर प्रशासन तथा विभाग के कोई अफसर नहीं पहुंचे। जब हलचल हुई तो शाम को करीब चार बजे कोश्यां-कुटौली के एसडीएम प्रमोद कुमार पहुंच गए थे। इन्वेस्टर्स समिट का प्रदेश को मिलेगा लाभ
जागरण संवाददाता, नैनीताल : अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हाई कोर्ट के फैसलों को लेकर कहा है कि शासन अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहा है। कोर्ट के आदेशों का अनुपालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट में जो एमओयू हुए हैं, उन पर शासनस्तर पर कार्रवाई होगी, जिसका लाभ प्रदेश को मिलेगा।
बुधवार को नैनीताल प्रशासन अकादमी में दैनिक जागरण से बातचीत में राधा रतूड़ी ने कहा कि जेजे एक्ट के क्रियान्वयन को लेकर शासन गंभीर है। बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए कदम उठाए जा रहे हैं। चाइल्ड वेलफेयर कमेटियों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में चलाए गए पोषण अभियान को आशातीत सफलता मिली। यही वजह है कि राज्य को केंद्र सरकार ने तीन पुरस्कार दिए हैं। बुधवार को यह पुरस्कार दिल्ली में प्रदान किए गए।