आदेश से पहले ही दीवार तोड़कर लिया गया कब्जा
जागरण संवाददाता हल्द्वानी गोल्डन दीवार का चंद पैसों में सौदा करने के मामले में मंडी परिषद चौतरफा घिरता नजर आ रहा है। मामले के जोर पकड़ते ही इसकी परत दर परत खुलकर सामने आ रही है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : गोल्डन दीवार का चंद पैसों में सौदा करने के मामले में मंडी परिषद चौतरफा घिरता नजर आ रहा है। मामले के जोर पकड़ते ही इसकी परत दर परत खुलकर सामने आ रही है। ऐसा नहीं है कि पिछले साल जून में अनुमति मिलने के बाद ही इस दीवार को गिराया गया, बल्कि रसूखदारों द्वारा कब्जे का ये खेल लंबे समय से खेला जा रहा है। अनुमति मिलना तो केवल रस्म आदायगी का एक हिस्सा भर था।
मंडी परिसर के ठीक पीछे स्थित बाइपास रोड पर गोल्डन दीवार दोनों तरफ बनी हुई है। यदि दूसरी तरफ की दीवार को तोड़ने की अनुमति परिषद द्वारा न दी गई होती तो शायद ही कभी गोल्डन दीवार विवाद का विषय बनती। दस्तावेजों के अनुसार गोल्डन दीवार के मंडी की तरफ के हिस्से पर पेट्रोल पंप बनाए जाने के एवज में पहली बार दीवार तोड़ने की अनुमति दी गई। यहां बिना किसी विरोध के दीवार के कुछ हिस्से का सौदा हो गया। दूसरी तरफ की दीवार के पीछे वाली भूमि के स्वामियों ने अपनी तरफ की दीवार तोड़ने की अनुमति मांगी जो नहीं मिली। इसके बाद मंडी गेट के ठीक बगल से दीवार के एक बड़े हिस्से को शराब की दुकान बनाने के लिए तोड़ दिया गया। इतना ही नहीं जिस तरफ के हिस्से का मंडी परिषद ने पिछले साल जून में सौदा कर दिया था उस तरफ भी पहले से ही दीवार तोड़कर तमाम दुकानें बनाई जा चुकी हैं, साथ ही कुछ हिस्सा साजिशन तोड़ दिया गया था। फिलहाल मंडी परिषद से अनुमति मिलने के बाद दीवार के एक तरफ शहर के एक बड़े कारोबारी ने व्यावसायिक कांप्लेक्स का निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। विडंबना यह है कि इस पर मंडी के अफसरों से लेकर जिला प्रशासन तक ने मौन धारण कर रखा है।