एक माह बाद रोडवेज बस से सफर करने के लिए सवारियों की संख्या तीस फीसद बढ़ी
एक माह बाद कुमाऊं में रोडवेज बस से सफर करने वाले लोगों की संख्या में तीस प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इससे रोडवेज की प्रति दिन की इनकम भी एक लाख तक पहुंच गई। छूट का दायरा बढऩे पर सवारियों और इनकम दोनों का ग्राफ और बढ़ेगा।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : एक माह बाद कुमाऊं में रोडवेज बस से सफर करने वाले लोगों की संख्या में तीस प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इससे रोडवेज की प्रति दिन की इनकम भी एक लाख तक पहुंच गई। निगम को उम्मीद है कि आठ जून को छूट का दायरा बढऩे पर सवारियों और इनकम दोनों का ग्राफ और बढ़ेगा। पहाड़ के रूटों पर अब निगम को सही इनकम आ रही है।
एक महीने से रोडवेज बसों ने कुमाऊं से बाहर जाना बंद कर दिया। मई की शुरुआत में कोरोना का ग्राफ काफी ऊपर था। ऐसे में निगम के लिए सवारियां ढूंढना भी मुश्किल हो गया था। इसलिए निगम की इनकम 33 हजार तक भी पहुंच गई थी। पहले से आर्थिक संकट का सामना कर रहे निगम के लिए डीजल के पैसे निकालना भी मुश्किल हो गया था। हालांकि, धीरे-धीरे स्थिति सुधरने लगी। मई लास्ट में रोजाना सवारियों की संख्या एक हजार तक पहुंच रही थी। लेकिन पिछले तीन दिनों से रोजाना 1300 से ज्यादा लोग बसों में सफर करने लगे। ऐसे में इनकम भी एक लाख पार हो गई।
केमू की हड़ताल से फायदा: केमू व शासन के बीच किराये का विवाद अभी थमा नहीं है। इसलिए पिछले सवा महीने से केमू की साढ़े तीन सौ बसों ने पहाड़ पर चलना बंद कर दिया है। फिलहाल विवाद के शांत होने की कोई उम्मीद भी नहीं लग रही। यही वजह है कि पहाड़ जाने वाली सवारियों ने फिर से रोडवेज बसों में बैठना शुरू कर दिया। क्योंकि, टैक्सी का भाड़ा ज्यादा है।
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