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निदेशालय का घेराव करने पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ता, पुलिस के साथ नोंकझोंक

विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशालय पहुंचे एनएसयूआई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पुलिस का सामना करना पड़ा। यहां काफी देर तक पुलिस कर्मियों के साथ कार्यकर्ताओं की नोंकझोंक हुई। नाराज पदाधिकारियों की अगुवाई में सभी कार्यकर्ता निदेशालय के प्रवेश द्वार पर ही धरने पर बैठ गए।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 04:44 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 04:44 PM (IST)
निदेशालय का घेराव करने पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ता, पुलिस के साथ नोंकझोंक
निदेशालय का घेराव करने पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ता, पुलिस के साथ नोंकझोंक

हल्द्वानी, जेएनएन : विभिन्न मांगों को लेकर बुधवार को उच्च शिक्षा निदेशालय पहुंचे एनएसयूआई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को पुलिस का सामना करना पड़ा। यहां काफी देर तक पुलिस कर्मियों के साथ कार्यकर्ताओं की नोंकझोंक हुई। नाराज पदाधिकारियों की अगुवाई में सभी कार्यकर्ता निदेशालय के प्रवेश द्वार पर ही धरने पर बैठ गए। हालांकि, उच्च शिक्षा उप निदेशक से मिले आश्वासन के बाद धरना समाप्त करने का निर्णय लिया गया।

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एमबीपीजी काॅलेज समेत राज्य के तीन डिग्री कालेजों की छात्र निधि का पैसा अन्य कार्यों के लिए लिए जाने व प्रदेश के अशासकीय डिग्री कालेजों की अनुदान राशि रोके जाने के निर्णय से खफा एनएसयूआई ने हल्द्वानी गौलापार स्थित उच्च शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी की अगुवाई में एनएसयूआई के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता जैसे ही बुधवार सुबह निदेशालय पहुंचे वहां पहले से मौजूद पुलिस बल से उनका रास्ता रोक लिया।

एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया। कई कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ धक्का-मुक्की तक हो गई। इसके बाद सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मुख्य गेट के पास ही धरने पर बैठ गए व नारेबाजी करने लगे। कुछ देर बार उप निदेशक डा. एनएस बनकोटी धरनास्थल पर वार्ता के लिए पहुंचे। जहां पदाधिकारियों ने उनके सामने अपनी मांगें रखी। कहा कि एमबीपीजी समेत तीन कालेजों से छात्र निधि का पैसा लेकर अन्य कालेजों के कार्यों में लगाया जाना बेहद गलत है। छात्र निधि से संबंधित कालेजों में छात्र-छात्राओं के लिए सुविधाएं बढ़ाई जाती है।

कहा कि राज्य के 18 सहायता प्राप्त डिग्री कालेजों को मिलने वाली सौ करोड़ की ग्रांट रोकने का फैसला भी सरकार द्वारा लिया गया है जो कि इन कालेजों के प्राध्यापक और कर्मचारियों के हित के लिए खतरनाक साबित होगा। प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि सरकार छात्र निधि के पैसे से कार्य करवाकर अपना प्रचार कर रही है। पैसा तत्काल कालेजों को वापस किया जाए। धरने को समर्थन देने प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य सुमित हृदयेश भी पहुंचे।

निदेशालय द्वारा धरने व मांगों के इस संबंध में शासन को लिखित सूचना भेजी गई और मांगों के निस्तारण का आश्वासन दिया गया। जिसके बाद है एनएसयूआई ने अपना धरना प्रदर्शन समाप्त करने का निर्णय लिया। इस दौरान एनएसयूआई राष्ट्रीय संयोजक सिया मिनोचा, कुमाऊं प्रभारी सुमित लोहनी, राष्ट्रीय प्रतिनिधि गोविंद दसौनी, कविता शर्मा, जिला अध्यक्ष नैनीताल विशाल भोजक, दीपक चंद्र, एमबीपीजी छात्रसंघ अध्यक्ष राहुल धामी, रविंद्र रावत, हॢषत जोशी, शुभम जोशी, जूही चुफाल, हर्ष पांडे, वाशु चौधरी, सत्यम कालरा, अमित, प्रशांत पांडे, सलमान, नाजिम, सोनू तिवारी मौजूद रहे।


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