एक जुलाई से प्रस्तावित परीक्षा के विरोध में 50 हजार पोस्ट कार्ड भेजेगा एनएसयूआई
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए एक जुलाई से प्रस्तावित परीक्षाओं के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
हल्द्वानी, जेएनएन : भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए एक जुलाई से प्रस्तावित परीक्षाओं के फैसले को वापस लेने की मांग की है। साथ ही उच्च शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. धन सिंह रावत के परीक्षा कराए जाने के बयान को एबीवीपी समर्थित बताया है। संगठन की ओर से जल्द ही उच्च शिक्षा मंत्री को प्रदेश भर के छात्र छात्राओं की मांगों को लेकर 50 हजार पोस्ट कार्ड भेजे जाएंगे।
एनएसयूआई जिलाध्यक्ष नैनीताल विशाल सिंह भोजक ने मामले में कहा है कि छात्रों को पदोन्नत करने की मांग को लेकर पूर्व में संगठन द्वारा मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री व विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को ज्ञापन भी भेजा गया लेकिन अब तक परीक्षा को लेकर कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं हुआ है।
कहा कि प्रथम, द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राओं को परीक्षा बिना ही अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाए, अतिरिक्त कक्षाएं कॉलेज खुलने के बाद संचालित की जाए, अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को दस फीसद अतिरिक्त अंकों के साथ पदोन्नत किया जाए, परिस्थितियों को देखते हुए एक सेमेस्टर का शुल्क माफ किया जाए। भोजक ने कहा कि उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने परीक्षा कराने को लेकर जो बयान दिया है वो एबीवीपी से प्रेरित नजर आ रहा है। जिसका संगठन पुरजोर विरोध करता है।
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