एसएसजे में ड्रग्स प्रकरण को लेकर एनएसयूआई का हंगामा, जांच न कराने का लगाया आराेप
एसएसजे परिसर में फिर बखेड़ा खड़ा हो गया। छात्र संघ भवन में ड्रग्स प्रकरण की जांच के संबंध में नवनियुक्त निदेशक प्रो. नीरज तिवारी के बातचीत न करने पर एनएसयूआइ कार्यकर्ता भड़क गए।
अल्मोड़ा, जेएनएन : सोबन सिंह जीना परिसर में फिर बखेड़ा खड़ा हो गया। छात्र संघ भवन में ड्रग्स प्रकरण की जांच के संबंध में नवनियुक्त निदेशक प्रो. नीरज तिवारी के बातचीत न करने पर एनएसयूआइ कार्यकर्ता भड़क उठे। तीखी तकरार हुई। जांच को दबाने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं ने अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) प्रो. जया उप्रेती पर भी अनियमितता का आरोप लगाते हुए त्यागपत्र देने की मांग उठाई। बाद में नवनियुक्त निदेशक व डीएसडब्ल्यू का पुतला फूंक प्रदर्शन किया।
एसएसजे परिसर में ड्रग्स प्रकरण फिर गरमा गया। एनएसयूआइ कार्यकर्ता शुक्रवार को जांच व कार्रवाई के लिए नवनियुक्त निदेशक प्रो. तिवारी से मिलने पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने वार्ता से मना कर दिया। इससे कार्यकर्ता भड़क उठे। दोनों पक्षों में तीखी तकरार हुई। कार्यकर्ताओं ने डीएसडब्ल्यू प्रो. उप्रेती से इस्तीफे की मांग उठाई।
आरोप लगाया कि छात्र संघ का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी कई बिल पास किए गए हैं, जो लिंगदोह कमेटी का खुला उल्लंघन है। निदेशक व डीएसडब्ल्यू का पुतला फूंक हंगामा काटा। बाद में निदेशक व कार्यकर्ताओं के बीच बातचीत का दौर चला। इसमें निदेशक ने सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा दिलाया। निदेशक एसएसजे परिसर प्रो. नीरज तिवारी ने कहा कि जांच कमेटी ने काफी कुछ जानकारी हासिल की है। तीन दिन के भीतर कुलानुशासक नियुक्त कर दिए जाएंगे।
जांच समिति के अध्यक्ष प्रो. भीमा मनराल ने बताया कि यह शिक्षा का केंद्र है। यहां पर ड्रग्स स्मैक आ जाय तो सोचना होगा हम लोग क्या कर रहे हैं। उद्देश्यों की प्राप्ति इसका मतलब हम नहीं कर पा रहे। काफी कुछ सूचना मिल गई है। यह सब अच्छा नहीं हो रहा है। बच्चों के बीच में नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है तो यह शर्मनाक है।
जांच समिति अध्यक्ष ने पूछा- नशा रोकने को कोई समिति है या नहीं
ड्रग्स मामले में गठित जांच कमेटी के समक्ष डीएसडब्ल्यू प्रो. जया उप्रेती फिर उपस्थित नहीं हुई। अलबत्ता पूर्व निदेशक प्रो. जगत सिंह बिष्ट व कुलानुशासक डॉ. संजीव आर्या से पूछताछ की। समिति अध्यक्ष प्रो. भीमा मनराल ने पूछा कि छात्र संघ भवन का ताला क्यों तोड़ा गया। किसकी मौजूदगी में तोड़ा गया। कौन सी सामग्री मिली। आपत्तिजनक चीजें क्या मिली थीं। उसे स्पष्टï क्यों नहीं किया गया। यह पूछे जाने पर नशा मुक्ति के लिए परिसर में कोई सेल या समिति गठित है या नहीं। इस पर नवनियुक्त निदेशक प्रो. नीरज तिवारी ने कहा कि वर्ष 2019 में समिति बनी थी। कुछ को तो इसके बारे में पता ही नहीं था। तय हुआ कि नशा मुक्ति को बनी समिति को पुनर्जीवित किया जाएगा।