नेपाल जाना है ताे अब भारत सरकार का अनुमति पत्र जरूरी, व्यापारियाें में बढ़ा रोष
नेपाल के बैतड़ी जिला प्रशासन के सप्ताह में दो दिन अंतरराष्ट्रीय पुल खोल कर प्रशासन के अनुमति पत्र प्राप्त नेपालियों को भारत आने देने का प्रस्ताव झूलाघाट के व्यापारियों को नागवार गुजर रहा है। भारतीय व्यापारी इस प्रयास को नेपालियों को भारत भेजने की चाल बताते हैं ।
पिथौरागढ़, जागरण संवाददाता : नेपाल के बैतड़ी जिला प्रशासन के सप्ताह में दो दिन अंतरराष्ट्रीय पुल खोल कर प्रशासन के अनुमति पत्र प्राप्त नेपालियों को भारत आने देने का प्रस्ताव झूलाघाट के व्यापारियों को नागवार गुजर रहा है। भारतीय व्यापारी इस प्रयास को नेपालियों को भारत भेजने की चाल बताते हैं । भारतीय व्यापारी चाहते हैं कि पुल खुले साथ में व्यापारिक गतिविधयां भी हो , ताकि विगत दस माह से नेपाली ग्राहकों की कमी से डूब चुका बाजार फिर से चले।
भारत नेपाल सीमा 20 मार्च 2020 से बंद है। भारत के तीन बाजार झूलाघाट, जौलजीबी और धारचूला नेपाली ग्राहकों पर निर्भर हैं। विशेषकर झूलाघाट बाजार तो पूरी तरह नेपाली ग्राहकों पर ही निर्भर है। वहीं धारचूला और जौलजीबी बाजार अस्सी प्रतिशत नेपाली ग्राहकों पर निर्भर हैं। नेपाल के झूलाघाट से लगे बैतड़ी जिल्ला और जौलजीबी , धारचूला से लगे दार्चुला जिले भी प्रभावित हैं। नेपाली सूत्र बताते हैं कि भारत से सामान नहीं आने से नेपाल के इस सुदूरवर्ती अंचल में महंगाई चरम पर है।
दूसरी तरफ नेपाल के बैतड़ी जिला प्रशासन के सहायक सीडीओ मोहन राज जोशी द्वारा पिथौरागढ़ प्रशासन को एक प्रस्ताव भेजा गया था। प्र्रस्ताव में कहा गया है कि नेपाली लोगों को नेपाल प्रशासन की अनुमति पत्र पर भारत की अनुमति मांगी गई। पिथौरागढ़ प्रशासन द्वारा प्रस्ताव को शासन को भेजा गया और सहमति ली गई। तहसीलदार पिथौरागढ़ पंकज चंदोला के अनुसार सप्ताह में सोमवार और शुक्रवार को पुल खुलने पर नेपाल और भारत से आने जाने वाले दोनों देशों के प्रशासन की अनुमति आवश्यक होगी।
व्यापारी फिर आंदोलन की राह पर आज डीएम से करेंगे मुलाकात
पुल को व्यापारिक गतिविधियों के लिए खोलने की मांग को लेकर झूलाघाट के व्यापारी पूर्व में एक पखवाड़े तक अनशन कर चुके हैं। नए प्रस्ताव को लेकर फिर भड़क गए हैं। व्यापारियों का कहना है कि नेपाल अपना स्वार्थ देख रहा है। नेपाल के लोग रोजगार की तलाश में भारत आ रहे हैं उनके लिए पुल खुलवा रहा है। जब पेंशनर्स या अन्य कोई भारत आता है तो उसे नेपाल पुलिस और नेपाल सशस्त्र बल भारत से एक रु पए का सामान भी खरीद कर नहीं लाने को कहते हैं। नेपालियों द्वारा सामान खरीदे जाने उसे वापस करने को कहा जाता है। व्यापारियों का कहना है कि सप्ताह में दो दिन पुल खुले पूर्व की भॉति नेपाली ग्राहक भारतीय बाजार आए और सामान खरीदें तो ठीक है अन्यथा नेपाल चाल चल कर अपने लोगों को भारत भेज रहा है इस चाल के खिलाफ वह पुल पर ही धरने पर बैठेंगे।