अब मिड डे मील योजना होगी और अधिक प्रभावी
मध्याह्न भोजन (एमडीएम) योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए शासन ने नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
हल्द्वानी, जेएनएन : मध्याह्न भोजन (एमडीएम) योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए शासन ने नए सिरे से दिशा-निर्देश जारी किए हैं। क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण समितियों की मासिक व त्रैमासिक बैठक कर योजना की विद्यालय से राज्य स्तर तक समीक्षा होगी। बैठक में आने वाले सुझाव, शिकायतों पर तत्काल कार्यवाही सुनिश्चत करनी होगी। सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम की ओर से जारी निर्देश में योजना के प्रभावी क्रियान्वयन व अनुश्रवण के लिए कई अहम कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। अभिभावक, शिक्षक, विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों की प्रत्यक्ष व परोक्ष भागीदारी सुनिश्चित कर अनुश्रवण समिति गठित होगी। खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच होगी। योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए समितियां गठित करनी होगी। समिति प्रत्येक माह रिपोर्ट निदेशालय को उपलब्ध कराएगी। विद्यालय से कोई शिकायत आने पर ब्लॉक स्तरीय समिति तत्काल जांच करेगी।
अनियमितता पर दर्ज होगी प्राथमिकी
एमडीएम की धनराशि किसी अन्य मद में व्यय होने या शासकीय धन के गबन की पुष्टि होने पर संबंधित के खिलाफ वसूली की कार्रवाई करते हुए प्राथमिकी दर्ज करनी होगी।
जांच समिति में ये होंगे शामिल
जिला स्तर : सीईओ, डीईओ प्रारंभिक व माध्यमिक, वित्त अधिकारी।
ब्लॉक स्तर : बीईओ, उप शिक्षाधिकारी, एक वरिष्ठ प्रधानाचार्य, बीईओ कार्यालय के प्रशासनिक अधिकारी।
22 बिंदुओं की चेक लिस्ट
एमडीएम के अनुश्रवण के लिए 22 बिंदुओं की चेक लिस्ट बनाई गई है, जिसमें कई उपबिंदु भी हैं। खाद्यान्न की मात्रा, कुकिंग मूल्य, पेयजल स्रोत, फूड टेस्ट रजिस्टर, अभिलेखों की स्थिति, भोजन की गुणवत्ता, एमडीएम संबंधी कोई नवाचार आदि चेक लिस्ट में शामिल है।
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