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अब किसी भी पालतू जानवर की पहचान नहीं रहेगी गुप्त, भेड़-बकरियों को भी मिलेगा आधार नंबर

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गाय भैंस के साथ अब इस योजना में भेड़ और बकरियों को भी शामिल किया गया है। अब गाय भैंस की तरह भेड़ और बकरियों को भी शीघ्र आधार नंबर मिलेगा। विभाग के पास टैग पहुंचने के बाद कार्य शुरू हो गया है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 10:10 AM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 10:10 AM (IST)
अब किसी भी पालतू जानवर की पहचान नहीं रहेगी गुप्त, भेड़-बकरियों को भी मिलेगा आधार नंबर
आधार नंबर मिलने के बाद खोए पशुओं को ढूंढने में आसानी होगी।

बागेश्वर, चंद्रशेखर द्विवेदी अब किसी भी पालतू मवेशी की पहचान गुप्त नही रहेगी। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत गाय, भैंस के साथ अब इस योजना में भेड़ और बकरियों को भी शामिल किया गया है। अब गाय, भैंस की तरह भेड़ और बकरियों को भी शीघ्र आधार नंबर मिलेगा। पशुपालन विभाग के पास 1,22,875 टैग पहुंचने के बाद कार्य शुरू हो गया है। कर्मचारी घर-घर जाकर चार माह से अधिक उम्र के भेड़, बकरियों की ईयर टैगिंग कर रहे हैं।

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एनएडीसीपी के तहत पशुओं को इलाज की सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। इसके अलावा पशुओं के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी आसानी से प्राप्त होगा। भेड़ और बकरी का रिकार्ड एनएडीसीपी के पोर्टल पर दर्ज रहेगा। भेड़ों-बकरियों की उम्र और पालने वाले का नाम और पता भी ऑनलाइन रहेगा। भेड़ों-बकरियों को 12 डिजिट का आधार नंबर का छल्ला कान में पहनाया जाएगा। इसके जरिये भेड़-बकरियों के बीमा और लोन की सुविधा भी मिलेगी।

आधार कार्ड वाले जानवरों का ही होगा टीकाकरण

भेड़-बकरियों के आधार नंबर बनने से खुरपका-मुंहपका टीका लगाने में सुविधा मिलेगी। एनएडीसीपी के तहत गोवंश और महिष वंश की तरह भेड़-बकरी को भी टैग लगने के बाद टीके लगाए जाएंगे। साथ ही पशुओं के अन्य रोगों की जांच भी की जाएगी। बागेश्वर में 122875 भेड़-बकरियां हैं। इनमें 1,02,075 बकरी और 20,800 भेड़े हैं।

पालतू मवेशियों को मिलेगी पहचान

पशुपालक हर वर्ष बुग्यालों में भेड़-बकरियों को चराने ले जाते हैं। इस दौरान पशुओं के खोने की आशंका बनी रहती है। कई पशु बीमार भी पड़ जाते हैं। आधार नंबर मिलने के बाद खोए पशुओं को ढूंढने में आसानी होगी। पशुपालकों के लिए भी यह लाभदायक रहेेगा।

भेड़-बकरियों के आधार नंबर पशु पालन विभाग में आ चुके हैं। शासन स्तर से निर्देश के बाद घर-घर जाकर भेड़-बकरियों के कानों में ईयर टैग लगाए जाएंगे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी बागेश्वर डॉ. उदय शंकर ने बताया कि भेड़-बकरी पालकों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त होगा। जिले में 80 प्रतिशत गौ और महिष वंशीय पशुओं को आधार नंबर मिल गया है।

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