अब सरकारी सस्ता गल्ला दुकानों में लगेगी पोस मशीन, जिले के 66 हजार उपभोक्ताओं को मिलेगा लाभ
पहले चरण में सस्ता गल्ला की 134 दुकानों में यह मशीनें लगेंगी। जिले में 437 सस्ता गल्ला दुकानें हैं। पोस मशीन की एक खासियत है वह एक माह तक बिना इंटरनेट के भी संचालित की जा सकती है। जहां नेट की सुविधा नहीं है उन स्थानों के लिए बेहतर होगी।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर : सरकारी सस्ता गल्ला दुकानों में लैपटाप योजना के बाद अब जिला पूर्ति विभाग पोस मशीनें लगाने जा रहा है। पहले चरण में सस्ता गल्ला की 134 दुकानों में यह मशीनें लगेंगी। जिले में 437 सस्ता गल्ला दुकानें हैं। पोस मशीन की एक खासियत है वह एक माह तक बिना इंटरनेट के भी संचालित की जा सकती है। यह मशीनें जहां नेट की सुविधा नहीं है, उन स्थानों के लिए बेहतर साबित होगी। उपभोक्ता को अंगूठा पोस मशीन में लगाते ही उसके पूरे परिवार की डिटेल आ जाएगी और डीलर राशन प्रदान करेगा।
डिजिटल इंडिया का सपना अपने जिले में भी धीरे-धीरे साकार हो रहा है। जहां इंटरनेट की समस्या है वहां अब जिला पूर्ति विभाग सस्ता गल्ला दुकानों में पोस मशीन लगाने जा रहा है। जिसके लिए सुदूरवर्ती 134 दुकानों का चयन किया गया है। पोस मशीन बिना इंटरनेट के एक माह तक चलेगी। दूसरे महीने में उसे इंटरनेट की जद में लाना होगा। पोस मशीन लगने के बाद उपभोक्ताओं को आनलाइन भुगतान की सुविधा भी मिल सकेगी। इसके अलावा मशीन बायोमैट्रिक से जुड़ी होगी और अंगूठा लगाने पर संबंधित राशनकार्ड धारक के परिवार और यूनिट का विवरण सामने आ जाएगा। दुकानदार उसे देय अनाज प्रदान कर सकेंगे।
320 सस्ता गल्ला दुकानों में लैपटाप
जिला पूर्ति अधिकारी ने राशन का वितरण आदि के लिए सस्ता गल्ला 320 दुकानदारों को लैपटाप प्रदान किए हैं। जिनके संचालन के लिए बकायदा सस्ता गल्ला विक्रेताओं को प्रशिक्षण भी दिया गया है। लैपटाप के बाद अब पोस मशीनें खरीदी जा रही हैं।
इनको मिलेगा लाभ
जिले में छह हजार कार्डधाक अंत्योदय, 30 हजार उपभोक्ता बीपीएल और इतने ही एपीएल हैं। वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्यानन सुरक्षा योजना और राज्य खाद्य सुरक्षा योजनाएं जिले में संचालित हो रही हैं। 54 हजार उपभोक्ताओं के स्मार्ट कार्ड बन गए हैं। 12 हजार कार्ड अभी बनाए जा रहे हैं।
अरुण कुमार वर्मा जिला पूर्ति अधिकारी ने बताया कि पोस मशीन मंगाई जा रही हैं। ग्राहकों को बेहतर सुविधा प्रदान की जा रही है। सस्ता गल्ला विक्रेताओं को यह मशीनें मार्च तक प्रदान कर दी जाएगी। पोस मशीन अकेली नगद रहित ट्रांजेक्शन करने में सक्षम होती है। पैसा गिनने और पर्ची बनाने की जरूरत खत्म हो जाएगी।
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