अब हर कोई जान सकेगा नैनी झील के पानी की गुणवत्ता, एलईडी डिस्पले का संचालन शुरू
अब शहरवासी व पर्यटक राह चलते नैनी झील के पानी की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ले पाएंगे। सिंचाई विभाग को परियोजना हस्तांतरित होने के बाद इसके विधिवत शुरू होने से झील की साफ सफाई को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों उत्तरदायित्व भी बढ़ेगा।
जागरण संवाददाता, नैनीताल। लेक मॉनिटरिंग सिस्टम परियोजना के तहत तल्लीताल डांठ पर लगाये गए एलईडी स्क्रीन का संचालन शुरू हो चुका है। अब शहरवासी व पर्यटक राह चलते नैनी झील के पानी की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ले पाएंगे। सिंचाई विभाग को परियोजना हस्तांतरित होने के बाद इसके विधिवत शुरू होने से झील की साफ सफाई को लेकर संबंधित विभागों के अधिकारियों उत्तरदायित्व भी बढ़ेगा। यूएनडीपी के सहयोग प्राप्त करीब एक करोड़ की लागत से यह पूरा सिस्टम स्थापित किया गया है।
बता दें कि बीते वर्ष जिला प्रशासन की ओर से नैनी झील की आंतरिक संरचना की जानकारी जुटाने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा सर्वे कार्य कराया गया था। जिसमे झील की आंतरिक संरचना, पानी की गुणवत्ता समेत जलीय पारिस्थितिकी संबंधी जानकारियां जुटाई गई थी। जिसके बाद संबंधित रिपोर्ट के साथ ही झील में रियल मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करने के लिए प्रस्ताव बना कर यूएनडीपी को भेजा गया था। प्रस्ताव को लेकर करीब एक करोड़ बजट जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने वसार लैब के साथ अक्टूबर में इस सिस्टम को स्थापित करने की कवायद शुरू की थी। जिसके तहत झील में दो सेंसर, डांठ पर एक एलईडी स्क्रीन स्थापित की गई।
26 अक्टूबर को मुख्यमंत्री द्वारा इस परियोजना का लोकार्पण करवाकर बीते माह इसे सिंचाई विभाग को हस्तांतरित भी कर दिया गया। लेकिन पानी की गुणवत्ता मापने वाले सेंसर में तकनीकी खराबी आने और प्रशिक्षित स्टाफ नहीं होने के कारण इसका विधिवत आरंभ नहीं हो सका। साथ ही तल्लीताल डांठ पर स्थापित एलईडी स्क्रीन पर भी पानी की गुणवत्ता संबंधी डाटा डिस्प्ले नहीं किया जा रहा था। लेकिन अब वसार लैब से तकनीकी कर्मी के आने के साथ ही सेंसर की खराबी को सही कर प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। साथ ही डांठ पर लगी एलईडी पर पानी की गुणवत्ता का डाटा दर्शाया जा रहा है।