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अब जीवन प्रमाणपत्र के नाम पर पेंशनधारकों से ठगी कर रहे साइबर अपराधी

वह ऑनलाइन जीवन प्रमाणपत्र अपडेट करने का झांसा देकर मोबाइल पर आए ओटीपी साझा करने के लिए कह रहे हैं। इसके तुरंत बाद उनका खाता ही साफ हो जा रहा है। वह पेंशनधारकोंकी नियुक्ति और सेवानिवृत्ति की तारीख पीपीओ नंबर आधार कार्ड समेत अन्य डेटा को कॉल कर रहे।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 06:42 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 06:42 AM (IST)
अब जीवन प्रमाणपत्र के नाम पर पेंशनधारकों से ठगी कर रहे साइबर अपराधी
साइबर थाना पुलिस के अनुसार पूरे डेटा के साथ फोन आने पर पेंशनधारक उसे विभागीय मान ले रहे हैं।

वीरेंद्र भंडारी, रुद्रपुर : साइबर अपराधियों ने अब पेंशनधारकों को निशाना बनाना शुरू किया है। इसके लिए वह ऑनलाइन जीवन प्रमाणपत्र अपडेट करने का झांसा देकर मोबाइल पर आए ओटीपी साझा करने के लिए कह रहे हैं। इसके तुरंत बाद उनका खाता ही साफ हो जा रहा है। इसके लिए वह पेंशनधारकोंकी नियुक्ति और सेवानिवृत्ति की तारीख, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड समेत अन्य डेटा के साथ कॉल कर रहे हैं। इससे पेंशनधारक आसानी से उनके झांसे में आ जा रहे हैं। अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत, नैनीताल व हल्द्वानी से गत दो महीने में रुद्रपुर साइबर थाने में 25 मामले आए हैं। सभी की जांच शुरू कर दी गई है।

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साइबर अपराधी नित नए तरीकों से ठगी कर रहे हैं। ऑनलाइन खरीदारी, नेट बैंङ्क्षकग, गेम डाउनलोडिंग, फर्जी आइडी और हेल्पलाइन के बाद अब वे कुमाऊं के पेंशनधारकों को निशाना बना रहे हैं। साइबर थाना पुलिस के अनुसार पूरे डेटा के साथ फोन आने पर पेंशनधारक उसे विभागीय मान ले रहे हैं। इसके बाद जालसाज उनसे ओटीपी साझा करने के लिए कहते हैं। इसके तुरंत बाद खाते से पैसे साफ कर देते हैं।

इंश्योरेंस के नाम पर भी ठगी

जीवन प्रमाणपत्र अपडेट करने के नाम के साथ ही साइबर अपराधी इंश्योरेंस कंपनी के नाम पर भी ठगी कर रहे हैं। साइबर पुलिस के मुताबिक ठग कॉल कर जानकारी दे रहे हैं कि उन्होंने पूर्व में जो पॉलिसी ली थी, वह बंद हो चुकी है। उसे फिर से सक्रिय कर सकते हैं। इसके लिए महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र कर खातों को खंगाल दे रहे हैं।

साइबर ठगी से बचना है तो ध्यान रखें

-किसी अज्ञात व्यक्ति के बहकावे मे आकर एनी डेस्क समेत अन्य एप डाउनलोड न करें।

-किसी अजनबी से प्राप्त संदेश का जवाब न दें।

-कस्टमर केयर बताकर फोन करने वाले व्यक्ति की बातों में न आएं और न ही उससे अपने वॉलेट/बैंक संबंधी कोई जानकारी साझा करें ।

-केवाइसी अपडेट/मोबाइल नंबर बंद होने संबंधी मैसेज/फोन कॉल आने पर अपनी व्यक्तिगत/बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें ।

-अज्ञात व्यक्ति द्वारा भेजे गये किसी भी पेमेंट गेटवे /वॉलेट/मोबाइल एप्लीकेशन पर धनराशि प्राप्त करने के लिए कभी भी न तो क्यूआर कोड स्कैन करें और न ही यूपीआइ पिन डालें।

-महिला से फेसबुक या किसी भी साइट पर दोस्ती का प्रस्ताव स्वीकार न करें।

-किसी भी कंपनी या विभाग से कॉल आने पर नजदीकी कार्यालय से पुष्टि करें।

साइबर थाना प्रभारी ललित मोहन जोशी ने बताया कि साइबर अपराधी ठगी का नया-नया तरीका अपना रहे हैं। इंश्योरेंस के साथ ही पेंशनधारकों को जीवन प्रमाणपत्र अपडेट करने के नाम पर भी कॉल कर रहे हैं। इस तरह के मामलों से बचने की जरूरत है। साइबर पुलिस इसके लिए जागरूकता अभियान भी चला रही है। शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई भी की जा रही है।


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