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हेली कंपनियों को टेंडर में अनियमितता मामले में नोटिस, केंद्र, राज्य, नागरिक उड्डयन विभाग व हेली कंपनियों से मांगा जवाब

याचिका में कहा गया है कि पिछले साल मार्च-अप्रैल में सिविल एविएशन विभाग द्वारा केदारनाथ के लिए हेली सेवा की निविदा प्रक्रिया पूरी की गई। आरोप लगाया है कि इन हेली कंपनियों के पास अतिरिक्त हेलीकॉप्टर नहीं है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 08:09 AM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 08:09 AM (IST)
हेली कंपनियों को टेंडर में अनियमितता मामले में नोटिस, केंद्र, राज्य, नागरिक उड्डयन विभाग व हेली कंपनियों से मांगा जवाब
पायलटों के पास अनुभव प्रमाण पत्र नहीं है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : हाई कोर्ट ने केदारनाथ में हेली कंपनियों को उड़ान भरने के टेंडर में अनियमितता के मामले में नोटिस जारी किया है। इसमें केंद्र, राज्य सरकार, नागरिक उड्डयन विभाग, आठ हेली कंपनियों को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में दिल्ली निवासी ए श्रीनिवासन की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि पिछले साल मार्च-अप्रैल में सिविल एविएशन विभाग द्वारा केदारनाथ के लिए हेली सेवा की निविदा प्रक्रिया पूरी की गई। आरोप लगाया है कि इन हेली कंपनियों के पास अतिरिक्त हेलीकॉप्टर नहीं है। पायलटों के पास अनुभव प्रमाण पत्र नहीं है। टेंडर में अन्य तरह की अनियमितताएं भी की गई हैं। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशीष जोशी के अनुसार याचिका में पूरी निविदा प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की गई है।  

दस्तावेजों की 15 दिन में जांच कर अतिक्रमण हटाएं

हाई कोर्ट ने कोटद्वार में नजूल भूमि व बदरीनाथ हाईवे पर अतिक्रमण हटाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में अपने पूर्व के आदेश में संशोधन करते हुए नगर निगम कोटद्वार को 15 दिन के भीतर अतिक्रमणकारियों के दस्तावेजों की जांच कर दो माह के भीतर अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राघवेंद्र सिंह चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में अतिक्रमण मामले की सुनवाई हुई। पूर्व में कोर्ट ने नजूल भूमि व हाईवे के आसपास अतिक्रमण को आठ सप्ताह में हटाने के आदेश पारित किए थे। जिसके बाद कुछ अतिक्रमणकारी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। सर्वोच्च अदालत ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे। कोटद्वार निवासी मुजीब नैथानी ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कोटद्वार में नजूल भूमि व बदरीनाथ हाईवे पर अतिक्रमण कर लोगों द्वारा अवैध निर्माण किया गया है। जिससे हाईवे संकरा हो गया है। जिससे आए दिन जाम लगा रहता है।

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