..तो सम्मानित कर्मियों को नहीं डसेंगे सांप
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : वन विभाग एक ऐसा उपाय करने जा रहा है कि आप भी सुनकर हैरत में पड़ जाएंगे।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : वन विभाग एक ऐसा उपाय करने जा रहा है कि आप भी सुनकर हैरत में पड़ जाएंगे। जी हा, अब जहरीले सांप वनकर्मियों को रेस्क्यू के दौरान नहीं काटेंगे, क्योंकि यह कर्मी वन विभाग की ओर से सम्मान प्राप्त होंगे। शायद यही सोचकर वन विभाग कर्मियों को सुरक्षा उपकरण देने के बजाय, उन्हें आज सम्मानित करेगा। इसी हौसले के बल पर वह सांपों को निडर होकर पकड़ेंगे। हालांकि, विभाग के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि यदि सांप पकड़ने के दौरान कोई दुर्घटना होती है तो कर्मी के परिवार को क्या जवाब देगा। कर्मी के आश्रितों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी का क्या होगा।
सोमवार को जान जोखिम में डालकर सांपों को रेस्क्यू करने वाले दस वनकर्मियों को वन विभाग एफटीआइ में आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित करेगा। वेस्टर्न सर्किल के पांच वन प्रभाग से चुने गए सभी कर्मियों को प्रमुख वन संरक्षक सम्मानित करेंगे। हल्द्वानी और आसपास के इलाके में गर्मियों का सीजन शुरू होते ही जहरीले सांपों का निकलना शुरू हो जाता है। घरों तक कोबरा की पहुंच यहां आम बात है। डिवीजन और रेंज के मुताबिक गठित की गई टीमें लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंच घरों के अंदर से सांप निकालती है। आंकड़ों के मुताबिक तीन साल में तराई केंद्रीय डिवीजन में सबसे अधिक 1702 सांप रेस्क्यू किए गए हैं। बड़ी बात ये है कि विभाग ने कर्मियों को आज तक सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं करा पाया है। बगैर सुरक्षा संसाधनों जहरीले सांपों को सुरक्षित पकड़ना जान को दांव पर लगाने जैसा है। इन कर्मियों को लैदर कैप, लैदर शूज आदि की सख्त जरूरत है।
ये होंगे सम्मानित
तराई पूर्वी वन प्रभाग के शांति प्रसाद व दया किशन हरबोला, हल्द्वानी डिवीजन के धर्मपाल, धरम सिंह मेहता, तराई पश्चिमी से इंद्रलाल, पूरन गोस्वामी, रामनगर वन प्रभाग से राजीव जोशी, नरेंद्र सिंह और तराई केंद्रीय वन प्रभाग से आशुतोष आर्य और राजेंद्र नेगी।
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पीसीसीएफ करेंगे खनन की समीक्षा
गौला, कोसी, दाबका और शारदा नदी में खनन कार्य की प्रमुख वन संरक्षक जयराज आज समीक्षा करेंगे। एफटीआइ में बैठक के बाद हाथी कॉरीडोर का जायजा भी लिया जाएगा। दोपहर में सेवानिवृत्त वनाधिकारियों संग बैठक होगी।