प्रवासियों की रैपिड टेस्टिंग में केंद्र से कोई बाधा नहीं, हाईकोर्ट ने कहा-राज्य सरकार स्थिति स्पष्ट करे
केंद्र सरकार ने साफ किया है कि कोरोना रैपिड टेस्टिंग मामले में उसके स्तर से कोई रोक नहीं है। अब हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है।
नैनीताल, जेएनएन : केंद्र सरकार ने साफ किया है कि कोरोना रैपिड टेस्टिंग मामले में उसके स्तर से कोई रोक नहीं है। अब हाईकोर्ट ने मामले में राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है। अगली सुनवाई 20 मई को होगी। उत्तराखंड आने वाले प्रवासियों की बॉर्डर पर रैपिड टेस्टिंग के मामले में केन्द्र सरकार ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष स्पष्ट किया।
हरिद्वार निवासी सच्चिदानंद डबराल ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में बाहरी राज्यों से आ रहे प्रवासियों की राज्य की सीमा पर थर्मल टेस्टिंग के साथ रैपिड टेस्टिंग व एटीजन टेस्टिंग की व्यवस्था करने की मांग की गई है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया व न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार को सुनवाई हुई।
स्वास्थ्य सचिव नितेश कुमार झा ने कोर्ट को बताया कि राज्य की ओर से रैपिड टेस्टिंग को लेकर केंद्र से मंजूरी मांगी गई है, मगर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने इसे मंजूरी नहीं दी है। वहीं, केंद्र की ओर से कोर्ट को बताया गया कि रैपिड टेस्ट को लेकर कोई बाधा नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव व डीजी हेल्थ से इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया।
बता दें कि प्रवासियों के आने के साथ ही उत्तराखंड में संक्रमितों की संख्या अचानक से बढ़ गई है। इसको लेकर लेकर कोर्ट ने पिछले दिनों सुनवाई के दौरान टिप्पणी की थी कि पहाड़ के गांवों में यादि कोरोना पहुंचा तो स्थिति विकट हो जाएगी।
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