युवाओं ने छुड़ाए दिग्गज नेताओं के छक्के, निवेदिता जोशी बनीं जिपं सदस्य nainital news
राजनीति का ककहरा अभी ठीक से पढ़ा भी नहीं था फिर भी सामाजिक संघर्ष की बदौलत एक युवा नेता ने गौलापार चोरगलिया क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस के दिग्गजों के छक्के छुड़ा दिए।
हल्द्वानी, जेएनएन : राजनीति का ककहरा अभी ठीक से पढ़ा भी नहीं था, फिर भी सामाजिक संघर्ष की बदौलत एक युवा नेता ने गौलापार चोरगलिया क्षेत्र में भाजपा व कांग्रेस के दिग्गजों के छक्के छुड़ा दिए। इस सीट पर निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं निवेदिता जोशी ने 1154 वोटों से जीत हासिल की है। दिग्गजों को मात देने की उनकी इस कामयाबी के लिए जो रणनीति बनाई गई, उसके पीछे उनके पति 34 वर्षीय आरटीआइ कार्यकर्ता रविशंकर जोशी की मेहनत व संघर्ष है।
गौलापार चोरगलिया जिला पंचायत सीट पर भाजपा से ममता कार्की और कांग्रेस से पूर्व ब्लॉक प्रमुख संध्या डालाकोटी मैदान में थीं। क्षेत्र में पहले से ही राजनीतिक वर्चस्व होने के साथ ही इन दोनों नेताओं के समर्थकों ने प्रचार में किसी तरह की कसर नहीं छोड़ी थी। इसके बावजूद सामान्य तरीके से चुनाव लडऩे वाली निवेदिता जोशी ने जीत हासिल कर राष्ट्रीय पार्टी के दिग्गज नेताओं को आईना दिखा दिया।
प्रचार में उतरे थे भाजपा व कांग्रेस के दिग्गज
ममता कार्की के प्रचार के लिए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट ने रोड शो किया था। विधायक नवीन दुम्का भी प्रचार अभियान में जुटे रहे, लेकिन कोई भी अपना करिश्मा नहीं दिखा सका। यही स्थिति कांग्रेस की रही। संध्या डालाकोटी के चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव से लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत समेत तमाम वरिष्ठ नेता प्रचार में उतरे थे। उनका भी राजनीतिक जादू नहीं चल सका।
रवि को इन कामों से मिली पहचान
जहां तमाम प्रत्याशियों ने खुद को कर्मठ, जुझारू, ईमानदार, संघर्षशील नेता होने का दावा करते हुए पोस्टर लगाए थे और प्रचार में तरह-तरह के हथकंडे इस्तेमाल किए, वहीं रविशंकर जोशी ने अपनी पत्नी निवेदिता के चुनाव में प्रचार में इस तरह के किसी भी जुमले का इस्तेमाल नहीं किया। आरटीआइ के जरिये उन्होंने केवल अपने काम गिनाए थे। पोस्टर में खुद के साथ प्रत्याशी की फोटो थी। यहां तक कि वोट देने की अपील भी नहीं की गई थी। रवि ने अपने पैम्फलेट में लिखा था, 'गौलापार से आइएसबीटी हटाने, गफूर बस्ती हटाने, गौला पुल टूटने के दोषियों को सजा दिलाने, मंडी में किसानों का शोषण रोकने, जमरानी बांध का निर्माण कराने, क्षेत्र की 200 एकड़ भूमि को भूमाफिया से बचाने आदि के लिए संघर्ष किया।'
25 साल के इमरान बने ग्राम प्रधान
रामनगर : शंकरपुर भूल सीट से सबसे कम उम्र का युवक प्रधान बना है। बीए पास करने के बाद इमरान ने इस बार गांव से प्रधान के चुनाव के लिए किस्मत आजमाई। उसने 50 वोटों से अपने निकटतम प्रत्याशी को हराया। इमरान की उम्र 25 साल है। इमरान ने बताया कि गांव के विकास के लिए उसने चुनाव लडऩे का मन बनाया। जनता ने उस पर विश्वास जताकर क्षेत्र की बागडोर सौंपी है। जिस पर वह खरा उतरने का प्रयास करेगा।
विधायक की दो पुत्रवधू बनी बीडीसी सदस्य
रामनगर : पंचायत चुनाव में क्षेत्रीय विधायक दीवान सिंह बिष्ट की दोनों पुत्रवधू भी चुनाव जीत गई जबकि परिस्थिति प्रतिकूल थी। दोनों सीट विधायक की प्रतिष्ठा से जुड़ी थी। जिस पर उनके परिवार के लोगों ने खूब पसीना भी बहाया। शंकरपुर भूल सीट से विधायक दीवान सिंह बिष्ट की पुत्रवधू श्वेता बिष्ट क्षेत्र पंचायत की दावेदारी कर रही थी। इसी सीट से सटी पूछड़ी से भी विधायक के भाई की बहू कविता बिष्ट भी चुनाव लड़ रही थी। दोनों सीटों पर कांटे की टक्कर होने से प्रतिष्ठा दाव पर लगी थी। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने भी इन सीटों को जीतने के लिए जनसभा की थी। इस सीट पर परिणाम आने के बाद शंकरपुर भूल से विधायक दीवान सिंह बिष्ट की पुत्रवधू श्वेता बिष्ट व पूछड़ी से कविता बिष्ट ने जीत दर्ज की।