उत्तराखंड में नौ जिले आरटीई दाखिले के लिए नहीं ढूंढ पाए एक हजार बच्चे
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में दाखिले के लिए गरीब बच्चों को ढूंढने में कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। कई जिलों में शिक्षा विभाग के अफसर-कर्मचारी तो केवल विज्ञप्ति जारी होने के बाद आवेदन जमा करने तक की ही ड्यूटी कर रहे हैं।
हल्द्वानी, भानु जोशी : शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) में दाखिले के लिए गरीब बच्चों को ढूंढने में कोई दिलचस्पी नहीं ली जा रही है। कई जिलों में शिक्षा विभाग के अफसर-कर्मचारी तो केवल विज्ञप्ति जारी होने के बाद आवेदन जमा करने तक की ही ड्यूटी कर रहे हैं। न तो आरटीई का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार हो रहा है और न ही निचले तबके को इस ओर आकर्षिक किया जा रहा है। अफसरों की इसी लापरवाही और ढीली कार्यप्रणाली के चलते नौ जिले दाखिले के लिए एक हजार बच्चे भी नहीं ढूंढ पाए। जिसके चलते इस बार महज 13,131 आवेदन ही मिल सके। हैरानी की बात ये है कि रुद्रप्रयाग, टिहरी जिले में 100 आवेदन भी नहीं आए। जिन सात जिलों में आफलाइन आवेदन प्रक्रिया अपनाई गई वो मिलकर भी दाखिले के लिए दो हजार गरीब बच्चे नहीं ढूंढ सके। मामले का संज्ञान लेते हुए समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक डा. मुकुल कुमार सती ने जिलों से बच्चों की संख्या बढ़ाने को कहा है।
ऑनलाइन-ऑफलाइन हुए थे आवेदन
इस बार आरटीई में दाखिले के लिए छह जिलों ने आनलाइन व सात जिलों ने आफलाइन प्रक्रिया का सहारा लिया था। आनलाइन आवेदन वालों में अल्मोड़ा, चमोली, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और यूएस नगर शामिल रहा। जबकि, आफलाइन में बागेश्वर, चम्पावत, पौड़ी, पिथौरागढ़, टिहरी और उत्तरकाशी शामिल है।
देहरादून, यूएसनगर सबसे आगे
इस बार आरटीई के लिए आवेदन के मामले में देहरादून और ऊधमसिंह नगर जिले का सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा। देहरादून ने 5183 व ऊधमसिंह नगर ने 3105 बच्चों के आवेदन प्राप्त किए।
आफलाइन आवेदन की स्थिति
बागेश्वर 181
चम्पावत 535
पौड़ी 324
पिथौरागढ़ 486
रुद्रप्रयाग 54
टिहरी 32
उत्तरकाशी 255
ऑनलाइन वाले जिलों की स्थिति
अल्मोड़ा 358
चमोली 162
देहरादून 5183
हरिद्वार 1076
नैनीताल 1380
यूएस नगर 3105