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अल्मोड़ा व नैनीताल जिले को जोड़ने वाले रानीखेत पुल का विकल्प बनेगा नया सेतु, शुरू हुआ निर्माण

सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तथा अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद को जोड़ने वाले एतिहासिक रानीखेत पुल का जल्द विकल्प तैयार होगा। ब्रितानी दौर के इस पुल पर दबाव कम करने के लिए आठ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए सेतु का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 03:32 PM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 03:32 PM (IST)
अल्मोड़ा व नैनीताल जिले को जोड़ने वाले रानीखेत पुल का विकल्प बनेगा नया सेतु, शुरू हुआ निर्माण
अल्मोड़ा व नैनीताल जिले को जोड़ने वाले रानीखेत पुल का विकल्प बनेगा नया सेतु, शुरू हुआ निर्माण

रानीखेत, जेएनएन : सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण तथा अल्मोड़ा व नैनीताल जनपद को जोड़ने वाले एतिहासिक रानीखेत पुल का जल्द विकल्प तैयार होगा। ब्रितानी दौर के इस पुल पर दबाव कम करने के लिए आठ करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए सेतु का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारियों ने संबधित ठेकेदार के साथ कोसी नदी पर बनने वाले पुल के मानचित्र पर चर्चा की। नपाई पूरी कर बुनियाद खोदाई के निर्देश दिए।

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कोसी नदी पर खैरना के समीप बने करीब सौ वर्ष पुराने एतिहासिक रानीखेत पुल के समानांतर दूसरा सेतु बनाने के लिए आखिर काम शुरू हो गया है। विकल्प के तौर पर अब नया पुल तैयार होगा। करीब 70 मीटर स्पान का टू लेन पुल जल्द अस्तित्व में आ जाएगा। रविवार की सुबह विभागीय अधिकारियों ने संबंधित ठेकेदार के साथ मानचित्र के अनुसार पुल के दोनों ओर बुनियाद की नपाई की। ठेकेदार को गुणवत्ता युक्त कार्य करने के निर्देश दिए गए।

विभागीय अधिकारियों के अनुसार नपाई पूरी होने के बाद अब बुनियाद खोदाई का काम शुरू कर दिया जाएगा। वर्ष 2021 अक्टूबर में नए पुल पर यातायात सुचारु करने का लक्ष्य रखा गया है। नए पुल निर्माण तक अभी पुराने पुल से ही आवाजाही होगी। इस दौरान अपर सहायक अभियंता जेएस बोरा, विनोद कुमार, अवर अभियंता प्रमोद तिवारी, सीएम भट्ट, संजय अधिकारी आदि मौजूद रहे।

आज भी अखम है पुराना पुल

पुराने रानीखेत पुल का इतिहास गौरवशाली रहा है। सौ वर्ष पूर्व कोसी नदी पर बने अखम पुल पर रोजाना सैकड़ों भारी वाहन आवाजाही करते हैं। पुल की बुनियाद पर उड़द की दाल तथा चुने के गारे के मिश्रण से तैयार पत्थरो की दीवार बेजोड़ कारीगरी का नमूना है। सौ वर्ष बीत जाने के बावजूद आज भी पुल की बुनियाद ज्यों की त्यों है। हालांकि कोसी नदी के वेग ने बुनियाद को कुछ नुकसान पहुंचा है पर पुल आज भी अखम है। पुराने रानीखेत पुल पर इस्तेमाल किया गया लोहा भी काफी मजबूत है। नए पुल का निर्माण होने के बाद अब पुराने पुल पर भार कम हो जाऐगा


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