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भारतीय क्षेत्र को अब अपने सिक्कों में दर्शाएगा नेपाल, ओली की कैबिनेट ने दी मंजूरी

नेपाल अब भारतीय क्षेत्र लिपुलेख को अपने सिक्कों पर भी अंकित करने की तैयारी कर रहा है। नेपाल की कैबिनेट ने सिक्कों पर नए नक्शे को अंकित करने की मंजूर दे दी है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 07:27 AM (IST)Updated: Thu, 17 Sep 2020 07:27 AM (IST)
भारतीय क्षेत्र को अब अपने सिक्कों में दर्शाएगा नेपाल, ओली की कैबिनेट ने दी मंजूरी
भारतीय क्षेत्र को अब अपने सिक्कों में दर्शाएगा नेपाल, ओली की कैबिनेट ने दी मंजूरी

नैनीताल, जेएनएन : नेपाल का दुस्साहस दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। पहलेे जहां उसने भारत के बड़े भूभाग को अपने नक्शे में दर्ज कर लिया वहीं ग्रेटर नेपाल के बहाने कई भारत के कई महानगरों पर दावा ठोंक रहा है। नेपाल इतने से ही शांत नहीं हुआ है। वह अब भारतीय क्षेत्र लिपुलेख को अपने सिक्कों पर भी अंकित करने की तैयारी कर रहा है। नेपाल की कैबिनेट ने सिक्कों पर नए नक्शे को अंकित करने की मंजूरी दे दी हैं। इसके साथ ही सिक्के बनाने का काम भी शुरू हो गया है। नेपाल में ऐसा पहली बार होगा जब किसी नक्शे को मुद्रा में शामिल किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि नेपाल नए सिक्कों को अपने प्रमुख त्योहार दशहरे पर जारी करेगा।

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सोमवार को नेपाल सरकार की कैबिनेट ने नया सिक्का जारी करने के लिए नेपाल राष्ट्र बैंक को मंजूरी दे दी है। नए सिक्कों पर नेपाल का नक्शा अंकित होगा, जिसमें भारत के लिपुलेख को भी वह अपने नक्शे में अंकित करेगा। नेपाल सरकार की कैबिनेट बैठक में लिंपयाधुरा, लिपुलेख और कालापानी क्षेत्र के लिए भी नया नक्शा जारी करने की मंजूरी दी गई है। सरकार के प्रवक्ता प्रदीप ग्यावली ने मंगलवार देर शाम प्रेस को बताया कि नेपाल राष्ट्र बैंक (एनआरबी) ने एक और दो रुपये के नए सिक्के जारी करने की मंजूरी मांगी थी। 

लिपुलेख सड़क बनने के बाद बौखलाया चीन

नेपाल केसुर भारत द्वारा चीन सीमा तक सड़क बनाए जाने के बाद से ही बदल चुके हैं। नेपाल की ओली सरकार चीन के हाथों की कठपुतली बन चुकी है। वर्षों से चीन सीमा तक बन रही सड़क पर आज तक विरोध नहीं किया। पांच माह पहले सड़क का उद्घाटन होने के बाद नेपाल के सुर पूरी तरह बदल चुके हैं। वह भारत के लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को अपना बताने के बाद भारत से लगी सीमा पर सैकड़ों बॉर्डर एरिया पोस्ट बना चुका है। साथ ही इन पर एपीएफ के जवान भी तैनात कर चुका है।


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