मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए सीमा से आवाजाही करने वालों का पूरा रिकॉर्ड रखेगा नेपाल
नेपाल में मानव तस्करी के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसपर रोक लगाने के लिए अब नेपाल ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में संसद की महिला और सामाजिक मामलों की समिति ने सरकार से सीमा पर पूरा विवरण रखने का अनुरोध किया है।
अभिषेक राज, हल्द्वानी : कोरोना की पहली व दूसरी लहर के बाद नेपाल में मानव तस्करी के मामले तेजी से बढ़े हैं। इसपर रोक लगाने के लिए अब नेपाल ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में संसद की महिला और सामाजिक मामलों की समिति ने सरकार से सीमा पर आवाजाही करने वाले हर व्यक्ति का पूरा विवरण रखने का अनुरोध किया है। सिफारिश की है कि भारत-नेपाल के बीच पैदल आवाजाही करने वालों से भी पूरे दस्तावेज लिए जाएं। इसमें सर्वाधिक जोर उत्तराखंड के रुद्रपुर जिले से लगती सीमा पर चौकसी बढ़ाने की है। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश के पीलीभीत, तीसरे नंबर पर नेपाल के मधेस से लगती उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर व महराजगंज जिले की सीमा है। बिहार को भी इस सूची में शामिल किया गया है। नेपाल महिला आयोग की हालिया रिपोर्ट में इन्हीं सीमाओं से लगते नेपाली क्षेत्रों में मानव तस्करी के मामले तेजी से बढ़े हैं।
नेपाल के संवेदनशील क्षेत्र
महिला व सामाजिक मामलों की संसदीय समिति के अनुसार नेपाल के बागमती प्रदेश, प्रदेश नंबर-दो व तीन, सुदूर पश्चिम के कैलाली व कंचनपुर जिले मानव तस्करी के मामले में संवेदनशील बने हुए हैं। इनमें से तीन जिले उत्तराखंड से लगती सीमा क्षेत्र के हैं।
मानव तस्करी रोकने की प्रस्तावित योजना
- नेपाल सीमा से आवाजाही करने वाले सभी व्यक्तियों का पूरा विवरण होगा दर्ज
- संदिग्ध लोगों का तैयार होगा बायोमेट्रिक रिकॉर्ड
- लापता बच्चियों, महिलाओं और बच्चों की तैयार की जाएगी राष्ट्रीय सूची
- सीमा के साथ ही घुसपैठ वाले संवेदनशील क्षेत्रों में लगाए जाएंगे फेस रिकॉगनाइजेशन कैमरे
तो इसलिए हो रही मानव तस्करी
यौन शोषण, मजदूरी और मानव अंगों को महंगे दामों पर बेचने के लिए तस्कर लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। सीमा पार से ऐसे मामले लगातार बढे हैं, जिन पर अब प्रतिबंध लगाने के लिए नेपाल सरकार पूरी तरह से गंभीर हो गई है।
रिपोर्ट बताती है मामले की गंभीरता
मामले की गंभीरता राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट ही बता रही है। वहां मानव तस्करी से जुड़ी 27 लाख शिकायतें बीते एक वर्ष में पहुंची हैं। फिलहाल इसे सामुदायिक सहभागिता और सक्रियता से ही रोका जा सकता है। हम नेपाल सीमा से जुड़े 80 गांवों में लगातार अभियान चला रहे हैं।
- राजेश मणि, निदेशक मानव सेवा संस्थान सेवा (भारत-नेपाल सीमा पर मानव तस्करी की रोकथाम के लिए काम करने वाली राष्ट्रीय संस्था)
नेपाल सरकार ने दी सुझावों पर सहमति
मानव तस्करी के मामले को महिला और सामाजिक मामलों की संसदीय समिति के समक्ष रखा गया। सरकार ने हमारे सुझाव पर सहमति देते हुए सीमा से आवाजाही करने वालों की पूरी जानकारी रखने का निर्देश दिया है। हम एक रिपोर्ट भी बना रहे हैं, जिसे भारत से साझा भी किया जाएगा।
- शांति अधिकारी भट्टराई, सचिव राष्ट्रीय महिला आयोग नेपाल