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India-Nepal Tension : कालापानी और लिंपियाधुरा में घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है नेपाल नेपाल

भारतीय क्षेत्र को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद नेपाल वन समिति को आगे कर चम्पावत जिले के टनकपुर में नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण जमा लिया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 06:29 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 08:51 AM (IST)
India-Nepal Tension : कालापानी और लिंपियाधुरा में घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है नेपाल नेपाल
India-Nepal Tension : कालापानी और लिंपियाधुरा में घुसपैठ कराने की कोशिश कर रहा है नेपाल नेपाल

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पिथौरागढ़, जेएनएन : गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग निर्माण के बाद नेपाल के बदले सुर लगातार बिगडऩे लगे हैं। भारतीय क्षेत्र को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद वन समिति को आगे कर चम्पावत जिले के टनकपुर में नो मेंस लैंड पर अतिक्रमण जमा लिया। अब नेपाल ने गुंजी, कालापानी और लिंपियाधुरा में घुसपैठ की कोशिश शुरू कर दी है। इसे गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने नेपाल गृह मंत्रालय से आपत्ति दर्ज कराई है। एसडीएम धारचूला ने भी बकायदा पत्र लिखकर किसी भी घुसपैठ की सूचना को साझा करने का अनुरोध किया है। उन्होंने सूचनाओं के आदान प्रदान को दोनों देशों के रिश्तों के लिए अहम बताया है।

नेपाल में भारत विरोधी संगठन कालापानी, लिपुलेख मामले को उछालने का प्रयास कर रहे हैं। बीते दिनों कालापानी, लीपुलेख कूच करने के पोस्टर भी लगाए गए। इसमें कालापानी-लिपुलेख में जाकर ध्वज लगाने का एलान किया गया था। ऐसे में भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। उन्होंने नेपाली गृह मंत्रालय से आपत्ति दर्ज कराई। केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी। आला अधिकारियों ने हस्तक्षेप की। इसके बाद हालात कुछ सामान्य हुए। इस बीच एक बार फिर नेपाली संगठनों ने भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश शुरू कर दी है।

आइटीबीपी चेकपोस्ट पर भी अलर्ट

मानसून में नेपाल के दार्चुला से ऊपर की तरफ जाने वाले मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। यहां से आगे एलागाड़ के पास ही भारत-नेपाल को जोडऩे वाला एक पुल है। इससे आगे उच्च हिमालय में गब्र्यांग के पास भारत और नेपाल को जोडऩे वाला एकमात्र सीतापुल है। यहां पर एसएसबी और आइटीबीपी की पोस्ट है। इससे लगभग छह किमी आगे गुंजी में आइटीबीपी, एसएसबी की पोस्ट है। इस बीच आइटीबीपी की चेकपोस्ट को भी अलर्ट कर दिया गया है। एसडीएम धारचूला एके शुक्ला ने बताया कि नेपाल के दार्चुला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। घुसपैठ पर हमने नेपाली अधिकारियों से सहयोग मांगा है। पूरे हालात पर हमारी नजर है। किसी को भी माहौल खराब नहीं करने दिया जाएगा।  


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