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चीन के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों पर तस्‍करों के माध्यम से नेपाल रखा रहा है नजर

मित्र राष्ट्र नेपाल अब चीन के कहने पर भारत की सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तस्करों की सहायता ले रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 06:11 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 06:11 PM (IST)
चीन के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों पर तस्‍करों के माध्यम से नेपाल रखा रहा है नजर
चीन के लिए भारतीय खुफिया एजेंसियों पर तस्‍करों के माध्यम से नेपाल रखा रहा है नजर

पिथौरागढ़, जेएनएन : मित्र राष्ट्र नेपाल अब चीन के कहने पर भारत की सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तस्करों की सहायता ले रहा है। नेपाल से काली नदी पार कर तस्करी का धंधा जोरों पर है। नेपाल पुलिस और एपीएफ उन्हें शह भी दे रही है। बशर्ते उनके सामने ये शर्त रखी जा रही है कि वे भारत की सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों के बारे में खुफिया जानाकरी दें। इस शर्त पर ही भारत से तस्करी कर जाने वाले सामानों को अनुमति दी जा रही है।

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नेपाल सरकार का इस समय पूरा ध्यान भारत को नुकसान पहुंचाने पर है। सूत्रों के अनुसार चीन द्वारा भारत की सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी नेपाल को सौंपी गई है। नेपाल सरकार ने इसका दायित्व नेपाल सेना को दिया है। नेपाली सेना ने इसके लिए बकायदा एक सेल का गठन किया है, जिसमें नेपाल प्रहरी पुलिस और नेपाल सशस्त्र बल को भी शामिल किया गया है। भारत की सुरक्षा एजेंसियों की गतिविधियों को जानने के लिए तस्करों को हथियार बनाया है। नेपाल में इसके लिए स्पेशल इंफार्मेशन डायरेक्टेट एसआइडी नामक सेल बनाया है।

पिथौरागढ़ जिले की कालापानी से लेकर पंचेश्वर तक लगभग 185 किमी लंबी नेपाल सीमा है। सीमा रेखा काली नदी है। अब काली नदी का जलस्तर भी कम होने लगा है। नेपाल ने तस्करी के लिए भारतीय तस्करों को लालच दिया है। भारत से नेपाल को तस्करी के रूप में बीड़ी, चावल, चप्पल, तेल, कपड़ा, इलेक्ट्रानिक सामान की तस्करी हो रही है। नेपाल से भारत में सर्वाधिक बिकने वाली खुकुरी सिगरेट की तस्करी की जा रही है।

तस्कर स्पेशल ट्रैक्टर ट्यूब का कर रहे हैं प्रयोग

काली नदी को पार करने के लिए तस्कर ट्यूब का प्रयोग करते हैं। इधर अब सामान भेजने के लिए तस्कर स्पेशल ट्रैक्टर ट्यूब का प्रयोग कर रहे हैं। सामान लेकर आने जाने वाले एक व्यक्ति से नदी आरपार करने के लिए एक हजार से चार हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। इस समय तस्करी का धंधा नेपाल के बैतड़ी जिले से लगी सीमा पर जोरों पर है। सूत्रों के मुताबिक तस्करों के सामने इस समय ये शर्त रखी जा रही है कि वे भारत की सुरक्षा एजेंसियों की खुफिया जानकारी देंगे। तभी तस्करी का सामान आने और जाने की अनुमति दी जाएगी।

भारत में खुकुरी सिगरेट पर प्रतिबंध

नेपाल की खुकुरी सिगरेट की पिथौरागढ़ सहित पूरे कुमाऊं मेंं जबरदस्त मांग रहती है। भारत में खुकुरी सिगरेट पर प्रतिबंध के बाद भी गांव की दुकान से लेकर बड़े बाजारों तक सिगरेट बिकती है। भारतीय सिगरेट की अपेक्षा खुकुरी सिगरेट के दाम कम होने से इसके शौकीन काफी अधिक हैं। हमेशा तस्करी के माध्यम से भारत पहुंंचने वाली खुकुरी सिगरेट तस्करों के लिए मुनाफे वाली रहती है।


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