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India-Nepal Border Dispute : भारतीय सीमा विवाद को नेपाल ने स्लेबस में किया शामिल

नेपाली पाठ्यचर्या विकास केंद्र ने भारतीय सीमा विवाद को नेपाल ने स्लेबस में किया शामिल है। इसमें सुदूर पश्चिम नेपाल से लगे कालापानी और मधेश के सुस्ता सीमा विवाद को तूल दिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 03:37 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 11:12 PM (IST)
India-Nepal Border Dispute : भारतीय सीमा विवाद को नेपाल ने स्लेबस में किया शामिल
India-Nepal Border Dispute : भारतीय सीमा विवाद को नेपाल ने स्लेबस में किया शामिल

हल्द्वानी, अभिषेक राज : चीन सीमा लिपुलेख तक भारतीय सेना की पहुंच के बाद नेपाल अपनी शरारत से बाज नहीं आ रहा। पहले उसने नए राजनीतिक नक्शे में भारतीय क्षेत्र कालापानी, गर्बाधार, गूंजी, लिंपियाधुरा को शामिल कर लिया और अब युवाओं में भारत के प्रति जहर घोलने के लिए इसे पाठ्यक्रम में भी शामिल कर लिया। नेपाली पाठ्यचर्या विकास केंद्र ने इसके लिए 'नेपालको भूभाग र सीमा संबंधी स्वाध्याय सामग्री' नाम से पूरी किताब ही तैयार की है। इसमें सुदूर पश्चिम नेपाल से लगे कालापानी और मधेश के सुस्ता सीमा विवाद को तूल दिया है। किताब में नेपाल का पूरा क्षेत्रफल 147,641.22 वर्ग किलोमीटर बताया गया है, जिसमें भारतीय क्षेत्र लिंपियाधुरा व लिपुलेख का 460.28 वर्ग किलोमीटर भी शामिल कर लिया है।

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भारत-नेपाल संबंधों के जानकार मेजर बीएस रौतेला (रि.) बताते हैं कि यह नेपाल की सोची समझी साजिश है। केपी ओली के नेतृत्व में कम्युनिस्ट सरकार भारत से सांस्कृतिक, राजनीतिक और रोटी-बेटी के संबंधों को खराब करने पर तुली है। इसीलिए सीमा विवाद को तूल दिया जा रहा है। अब तो नेपाल ने इसे अपने पाठ्यक्रम में ही शामिल कर लिया। किताब नेपाल के नए राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शे के अनुसार तैयार की गई है। 20 मई को सरकार ने लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख तक को अपना बताकर इसे जारी किया था।

किताब का उद्देश्य

भारत-नेपाल संबंधों के जानकार यशोदा श्रीवास्तव बताते हैं कि बदले हालात में नेपाल का रुख चीन की तरफ है। योजना के तहत ओली सरकार नई पीढ़ी को भारत के विरुद्ध तैयार करने की साजिश रच रही है। सीमा विवाद से नेपाल राष्ट्रीयता, भौगोलिक अखंडता, क्षेत्रफल और संवेदनशील स्थलों के बारे में युवाओं को सचेत कर रहा है। उसका पूरा उद्देश्य भारत विरोध है।

किताब में खास-खास

  • लिंपियाधुरा, कालापानी, लिपुलेख व सुस्ता पर भारतीय अतिक्रमण।
  • प्राचीन, मध्ययुगीन और 1816 की सुगौली संधि तक नेपाल की सीमा और क्षेत्र के विस्तार की पूरी जानकारी।
  • अंतरराष्ट्रीय सीमा की अवधारणा, सिद्धांत, नदी सीमाओं की पहचान, सीमा विवाद और समाधान का संक्षिप्त विवरण।
  • अंतरराष्ट्रीय सीमा का सीमांकन, पड़ोसी देश चीन और भारत के साथ सीमा संबंध।

इन्होंने तैयार की किताब

किताब को कोमल चंद्र बराल, सेव द बाउंड्री कैंपेन के प्रचारक शेर बहादुर गुरुंग, त्रिभुवन विश्वविद्यालय के भूगोलवेत्ता व पाठ्यचर्या विकास केंद्र के निदेशक प्रेम भट्टराई ने मिलकर तैयार की है।

कालापानी और लिंपियाधुरा पर दावे का आधार

नेपाली लेखकों ने भारत के प्रति दुष्प्रचार के लिए सुगौली संधि की गलत व्याख्या की है। दावा किया है कि सुगौली संधि के अनुच्छेद-5 में है कि नेपाल की सीमा काली नदी तक स्थापित है। नेपाल काली नदी के पश्चिमी हिस्से पर दावा नहीं करेगा। इससे यह स्पष्ट है कि काली नदी सहित नेपाल के पूर्वी भाग लिंपियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख नेपाली क्षेत्र हैं। इनपर भारत ने अतिक्रमण किया है। नेपाल के शिक्षा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री गिरिराज मणि पोखरेल ने बताया कि हमारा उद्देश्य भारत का विरोध नहीं। हम युवा पीढ़ी को वास्तविकता से रूबरू कराना चाहते हैं और हमने नई किताब के माध्यम से यह किया भी है। इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। भारत को तो बिलकुल भी नहीं।  


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