नेपाल पर स्वार्थी होने का आरोप लगा व्यापारियों ने अंतरराष्ट्रीय झूला पुल पर किया प्रदर्शन, रविवार से पुल नहीं खुलने देने की चेतावनी
व्यापारियों ने रविवार से पुल नहीं खुलने देने की चेतावनी दी। उन्होंने नेपाल पर स्वार्थी होने का आरोप लगाया। कहा कि नेपाल अपने मतलब के लिए तो पुल खुलवा ले रहा है लेकिन भारतीयों की जरूरत पर मनमानी कर रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, झूलाघाट (पिथौरागढ़) : नेपाल के अनुरोध पर शनिवार को झूला पुल खुलने से झूलाघाट के व्यापारी भड़क गए। उन्होंने पुल पर सात घंटे धरना देते हुए भारत और नेपाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इससे आवागमन ठप हो गया। अधिकारी भी सकते में आ गए। सात घंटे बाद दोनों देशों के प्रशासनिक हस्तक्षेप के बाद आवागमन शुरू हो सका। इस बीच व्यापारियों ने रविवार से पुल नहीं खुलने देने की चेतावनी दी। उन्होंने नेपाल पर स्वार्थी होने का आरोप लगाया। कहा कि नेपाल अपने मतलब के लिए तो पुल खुलवा ले रहा है, लेकिन भारतीयों की जरूरत पर मनमानी कर रहा है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शनिवार को नेपाल से 33 लोगों को भारत आना था। इसपर नेपाल के बैतड़ी प्रशासन ने पिथौरागढ़ जिला प्रशासन से बात की। अधिकारियों की सहमति पर सुबह नौ बजे पुल खुलना तय हुआ। इसकी भनक लगते ही झूला पुल को आम लोगों और व्यापारिक गतिविधियों के लिए खोलने की मांग कर रहे भारतीय व्यापारी भड़क गए। सभी ने अपनी दुकानें बंद कर झूला पुल पर धरना शुरू कर दिया।
व्यापार संघ अध्यक्ष जगदीश जोशी के नेतृत्व में धरने पर बैठे व्यापारियों ने कहा कि हर तीसरे दिन नेपाल आपातकालीन स्थिति बताते हुए अपने नागरिकों को भारत भेजने का अनुरोध करता है। भारतीय गृह मंत्रालय तत्काल इसकी अनुमति देता है। नेपाली भारत आकर पेंशन लेते हैं। एटीएम से पैसा निकालते हैं। उन्होंने कहा कि आम आवागमन के लिए पुल खोला जाए। नेपाल के अनुरोध पर पुल खोलना बंद हो। अब नेपाल के अनुरोध पर पुल खोलने का प्रयास वह सफल नहीं होने देंगे।
व्यापारियों के तीखे तेवर को देख नेपाल पुलिस ने बैतड़ी के सीडीओ को सूचना दी। उन्होंने तहसीलदार पिथौरागढ़ पंकज चंदोला से नेपाली नागरिकों को भारत आने देने का आग्रह किया। इसके बाद तहसीलदार ने व्यापार संघ अध्यक्ष जगदीश जोशी से वार्ता कर किसी तरह से धरना समाप्त करा दिया। शाम चार बजे एसएसबी की सुरक्षा में नेपालियों को भारत लाया गया।