सहयोग से समाधान : बेहतर सप्लाई चेन प्रबंधन प्रणाली से दौड़ पड़ा मेडिकल कारोबार
पारस इंटरप्राइजेज के मालिक नीरज कांडपाल कहते हैं कि ग्राहकों का विश्वास आपकी ईमानदारी और मानवीयता वह सब करने में सक्षम है जो कारोबारी की कल्पना में है। नीरज कहते हैं किसी कारोबारी व्यापार में सफलता के लिए स्टाफ की मेहनत भी बहुत जरूरी है।
हल्द्वानी, जेएनएन : बिजनेस में सफलता के लिए ईमानदारी व समयबद्धता बहुत जरूरी है। जहां यह दोनों चीजें होंगी तरक्की होना स्वाभाविक है। यही सूत्र मुश्किल घड़ी में ग्राहकों का समर्थन जुटा सकने में मददगार होता है। अगर ग्राहक ने ये ठान लिया कि आपका हाथ किसी भी हालत में नहीं छोड़ेगा। इससे कामयाबी आपकी हमसफर हो जाएगी। पारस इंटरप्राइजेज के मालिक नीरज कांडपाल कहते हैं कि ग्राहकों का विश्वास, आपकी ईमानदारी और मानवीयता वह सब करने में सक्षम है, जो कारोबारी की कल्पना में है। नीरज कहते हैं किसी कारोबारी व्यापार में सफलता के लिए स्टाफ की मेहनत भी बहुत जरूरी है। कोरोना काल में भी कुछ ऐसा ही हुआ। संकट की घड़ी में हमारा और ग्राहक के संबंधों का पुल और मजबूत हो गया। नीरज कांडपाल कोरोना काल में किए बदलाव, समाधान की जानकारी दे रहे हैं।
भोलानाथ गार्डन से शुरू हुआ सफर
नीरज कांडपाल बताते हैं कि 1999 में उन्होंने भोलानाथ गार्डन से दवाइयों के होलसेल का काम शुरू किया। हल्द्वानी के साथ ही पूरे कुमाऊं में दवाओं की सेल करते हैं। 2016 में रामबाग रामपुर रोड में काम को विस्तार दिया। दो साल पहले के सर्जिकल नाम से नया काम शुरू किया। वर्तमान में वह 25 से अधिक कंपनियों की दवाओं की पूर्ति कराते हैं। नीरज कहते हैं 21 साल के करियर में कोरोना महामारी जैसी दुश्वारी पहले देखने को नहीं मिली। भावी योजनाओं पर तत्काल फैसले लेने, दूरगामी योजना बनाने से काम को बेहतर तरीके से आगे बढ़ाने में मदद मिली।
समाधान 1: रिटेलर से फोन पर जोड़ा संपर्क
नीरज कांडपाल कहते हैं कि लाकडाउन व कोरोना काल में चुनौतियां कम नहीं थी। हमारी टीम ने हमारे रिटेलर और होल सेलर से फोन से संपर्क किया। हमने उनकी समस्याओं को समझा और उनका निदान किया। अगर कारोबारी और ग्राहक किसी विपत्ति में है तो उनकी मदद की। ऐसे तमाम प्रयासों से हमारा और ग्राहकों के साथ रिश्ता और मजबूत हुआ। मौजूदा समय में वही ग्राहक हमारी पूंजी बन गए।
समाधान 2: कर्मचारियों का मिला सहयोग
लाकडाउन के शुरुआत के दो माह के दौरान कारोबार पूरी तरह प्रभावित हो गया था। ऐसे में हमें स्टाफ से सहयोग की अपेक्षा थी। हमारे यहां 14 स्टाफ काम करता है। हमने रुटीन में स्टाफ को काम पर बुलाया। दो कर्मचारी पैकिंग में रहते और दो बिलिंग का काम करते थे। कर्मचारियों को आवश्यक सामानों की पूॢत की और उन्हेंं इस बात के प्रति आश्वस्त किया कि किसी भी मुश्किल समय में हम उनके साथ हैं। कर्मचारियों ने वेतन, शिफ्ट में भी हमें पूरा सहयोग किया। कोरोना से जब हर कोई सहमा था कर्मचारियों ने भरोसा जताते हुए सावधानी व बचाव के साथ जिम्मेदारी से काम किया।
समाधान 3: सप्लाई चेन को बताए रखा
ग्राहक की संतुष्टि और विश्वास बनाए रखना बिजनेस का बुनियादी जरूरत है। हमने इसका पालन किया। ग्राहक की किसी मुश्किल वक्त पर मदद करना या आड़े वक्त पर काम आना हमारा कर्तव्य था। मेडिकल इमरजेंसी सर्विस है। हमने कोशिश की कि मांग के अनुरूप पूर्ति बरकरार रहे। रेंज को बरकरार किया। सप्लाई चेन को बनाए रखना हमारी बुनियादी प्राथमिकता में रहा। मेडिकल क्षेत्र के लिए तो यह समय चुनौती भरा था। दवाओं की उपलब्धता बनाए रखने के लिए काफी मशक्कत की गई।
समाधान 4: रिटेलर के साथ सामूहिक योजना बनाई
लाकडाउन के समय हमने रिटेलर के साथ मिलकर व्यापार को आगे बढ़ाने की योजना बनाई। रिटेलर से वाट्सएप पर सामग्री की सूची मंगाई। कर्मचारी सामग्री की पैकिंग करते। फिर दुकानों पर सामग्री पहुंचाते। पहाड़ के जिलों के लिए अपने वाहन से दवाओं की सप्लाई की। प्रशासन से पास बनवाए। लोकल के लिए जहां दवाएं भिजवाना संभव नहीं था वहां रिटेलर को बुला लिया।
सामाजिक जिम्मेदारी में भी रहे तत्पर
नीरज कांडपाल कहते हैं कि कोरोना काल में हमने अपनी सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन बखूबी किया। लाकडाउन के पहले चरण में जब एकाएक लोग शहर में फंस गए थे। कई लोग दूसरे शहरों से पैदल चलते ही हल्द्वानी पहुंच गए थे। पुलिस, प्रशासन और मेडिकल स्टाफ लगातार काम में जुटा हुआ था। ऐसे मुश्किल समय में हमने थाने, चौकियों में मास्क और सैनिटाइजर उपलब्ध कराएं। अस्पतालों में भी जरूरी सामग्री उपलब्ध कराई गई।