शतरंज खेलने सरोवर नगरी में जुटे 145 खिलाड़ी देशों के खिलाड़ी
नैनीताल डिस्ट्रिक्ट चेस एसोसिएशन के तत्वावधान में छह दिवसीय नेशनल ओपन फिडे रेटिंग चेस प्रतियोगिता नैनीताल में शुरू हो गई है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : नैनीताल डिस्ट्रिक्ट चेस एसोसिएशन के तत्वावधान में छह दिवसीय नेशनल ओपन फिडे रेटिंग चेस प्रतियोगिता शुरू हो गई है। प्रतियोगिता में देश-विदेश के 145 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
सोमवार को नगर के मल्लीताल जूमलैंड में आयोजित प्रतियोगिता में आयोजक सचिव ईश्वर तिवारी ने बताया कि प्रतियोगिता में जर्मनी के एक, नेपाल के सात खिलाड़ी शामिल हैं। प्रतियोगिता में नौ चक्रों के मुकाबले होंगे। विजेताओं को ढाई लाख के इनाम बांटे जाएंगे। इस अवसर पर संरक्षक डीके जोशी, अंतरराष्ट्रीय मास्टर दिनेश शर्मा, हीमल गुसांई, आरएस तिवारी, नितिन, हेमंत शर्मा, उत्तम रावत, नवीन जोशी, विश्वकेतु वैध, हिमांशु बहुगुणा, चेतराज बिष्ट, दिनेश चंद्र, रोहित गुप्ता, कन्नू, रोहिताश, प्रवीण शर्मा समेत कई मौजूद थे। गूगल ने पहुंचाया नैनीताल
जर्मनी के बर्लिन से पहली बार नैनीताल शतरंज प्रतियोगिता में हिस्सा लेने पहुंचे लुक्स चकस के अनुसार, सर्च इंजन गूगल से उन्हें नैनीताल में शतरंज प्रतियोगिता की जानकारी मिली और यहां पहुंच गए। अपने देश में वह अनेक प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके है। छह साल से वह शतरंज खेल रहे है। पिछले दो साल के बाद अब किसी प्रतियोगिता में भाग ले रहे है। चेक रिपब्लिक प्रतियोगिता में रहे विजेता
रेलवे में कार्यरत हेमल गुंसाई चंडीगढ़ से प्रतियोगिता में भाग लेने आए हैं। मूलरूप से गढ़वाल निवासी हेमल 15 वर्षो से शतरंज खेल रहे हैं। उन्होंने रूस, ब्राजील, ग्रीस, श्रीलंका व चेक रिपब्लिक व अन्य देशों की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। चेक रिपब्लिक में हुई प्रतियोगिता में वह विजेता रहे व श्रीलंका में आयोजित चेस लीग की भारतीय टीम में भी वह शामिल थे। स्कूलों में हो शतरंज कोच की नियुक्ति
एलआइसी कानपुर में कार्यरत व इंटरनेशनल मास्टर दिनेश कुमार शर्मा इसी साल नेशनल बिल्डर्स प्रतियोगिता के विजेता रहे। वह उत्तर प्रदेश के पहले इटरनेशनल मास्टर बने। उन्होंने बताया कि वह अगले साल सऊदी अरब में होने जा रही बिल्डर्स प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे है। बोले, नैनीताल में शतरंज के प्रति उदासीनता देखने को मिल रही है जो ठीक नहीं है। विद्यार्थियों को इस प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भागीदारी करनी चाहिए। इसके लिए स्कूल संचालकों को शतरंज कोच की नियुक्ति भी करनी चाहिए, ताकि बच्चों की खेल में रुचि बढ़ सके। पहले भी आ चुके हैं नेपाल के बसंत
नेपाल से आए बसंत रावल 2002 में भी नैनीताल में हुई प्रतियोगिता में भाग ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि नेपाल गेम्स में उनका चौथा स्थान रहा है, जबकि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में तीसरा स्थान रहा। शतरंज में भारत के प्रतिनिधित्व की आस
बरेली के दस वर्षीय दक्ष सिंघल पहली बार नैनीताल आए हैं। उन्होंने बताया कि वह पिछले सात साल से शतरंज खेल रहे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पांचवां स्थान प्राप्त कर चुके हैं। कहा कि शतरंज के क्षेत्र में भविष्य में वह भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं।