अटल इरादों से लौटे नैनीताल की झीलों के प्राण
नैनीताल की नैनी झील को फिर से जिंदा करने का श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जाता है। नैनीतालवासी उन्हें हमेशा याद रखेंगे।
नैनीताल, [किशोर जोशी]: भारतीय राजनीति के अजातशत्रु व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भले ही इस दुनियां में नहीं रहे, मगर नैनीतालवासियों के दिलों दिमाग पर हमेशा जिंदा रहेंगे। यह वाजपेयी के ही कवि हृदय का कमाल था कि नैनी झील समेत अन्य झीलों के उखड़े प्राण लौट आए। वाजपेयी ने ना केवल झील संरक्षण के लिए दो सौ करोड़ की घोषणा की थी, इस बजट की बदौलत ही नैनी झील समेत आसपास के झीलें प्रदूषण मुक्त हो सकीं और देश-दुनियां के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होने के साथ ही स्थानीय लोगों की आजीविका व जीने का प्रमुख आधार बनी है।
गुजरात के कच्छ व भुज में भूकंप की त्रासदी के दौरान अटल जी ने होली ना मनाने का एलान किया तो मार्च में वह तीन दिन के लिए नैनीताल आए। उत्तराखंड गठन के बाद उनकी नैनीताल की पहली यात्रा थी। राजभवन में वरिष्ठ भाजपा नेता भगत सिंह कोश्यारी समेत तत्कालीन जिलाध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट, कुमाऊं विवि के तत्कालीन कुलपति प्रो बीएस राजपूत, पूर्व जिलाध्यक्ष भुवन हरबोला व सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य विनोद उप्रेती ने उनका स्वागत किया। कोश्यारी के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने नैनीताल की समस्याओं को लेकर मांग पत्र भी उन्हें सौंपा।
झील संरक्षण को मिले 65 करोड़
राष्ट्रीय झील संरक्षण परियोजना के अंतर्गत मार्च 2002 में ही झील विकास प्राधिकरण द्वारा डीपीआर तैयार की गई। जिसमें झील में ऑक्सीजन की कमी और एविएशन का प्रावधान किया गया। नैनीताल झील के साथ ही भीमताल,सातताल, नौकुचियाताल, खुर्पाताल को इसमें शामिल किया गया। प्राधिकरण के परियोजना अभियंता सीएम साह बताते हैं कि नैनी झील के 47.56 करोड़ जबकि अन्य झीलों के लिए 16 करोड़ का प्रोजेक्ट मिला। भीमताल में एक्वेरियम समेत सुंदरीकरण आदि कार्यों का श्रेय पूर्व पीएम अटल बिहारी को जाता है। तब डीपीआर के अनुसार 65 करोड़ केंद्र सरकार ने जारी किया था।
अल्मोड़ा की सिगोड़ी का लिया स्वाद
राजभवन में प्रवास के दौरान पूर्व पीएम वाजपेयी ने कालजयी कविताओं की रचना की। अल्मोड़ा की प्रसिद्ध सिंगोड़ी का भी स्वाद लिया। नैनी झील में नौकायन किया तो नयना देवी मंदिर में पूजा अर्चना भी की। उनके नौकायन की खबर लगी तो लोगों की भीड़ जुट गई, वाजपेयी ने झील किनारे से ही जनता का अभिवादन किया। नौकायन के दौरान झील में गंदगी देख उनका दिल पसीज गया और उन्होंने तत्काल झील संरक्षण के लिए बजट का ऐलान कर डाला।
भाजपा नेता जगदीश बवाड़ी बताते हैं कि राजभवन में वाजपेयी ने प्रत्येक कार्यकर्ता से आत्मनीयता से बातचीत की। कार्यकर्ता अपने सामने विराट व्यक्तित्व को देखकर आश्चर्य में पड़ गए। राजभवन में नगरपालिका बालिका इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य माया जोशी ने स्वरचित कविताएं भी उन्हें भेंट की। तब निर्माता निर्देशक राकेश रोशन द्वारा भीमताल क्षेत्र में कोई मिल गया फिल्म की शूटिंग भी की जा रही थी। राकेश रोशन व उनके पुत्र अभिनेता ऋत्विक रोशन भी अटल बिहारी से मिलने के लिए राजभवन आए थे।
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