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Nanda Devi festival 2021 : इस साल भी सादगी के साथ मनाया जाएगा नंदा देवी महोत्सव

Nanda Devi festival 2021 कोविड संक्रमण के चलते इस वर्ष भी ऐतिहासिक नंदा देवी महोत्सव सादगी के साथ मनाया जाएगा। जिला प्रशासन की आयोजक संस्था के साथ बैठक में निर्णय लिया गया कि सितंबर में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए एक और बैठक होगी!

By Skand ShuklaEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 08:18 AM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 08:18 AM (IST)
Nanda Devi festival 2021 : इस साल भी सादगी के साथ मनाया जाएगा नंदा देवी महोत्सव
Nanda Devi festival 2021 : इस साल भी सादगी के साथ मनाया जाएगा नंदा देवी महोत्सव

जागरण संवाददाता, नैनीताल : Nanda Devi festival 2021 : कोविड संक्रमण के चलते इस वर्ष भी ऐतिहासिक नंदा देवी महोत्सव सादगी के साथ मनाया जाएगा। जिला प्रशासन की आयोजक संस्था के साथ बैठक में निर्णय लिया गया कि सितंबर में संक्रमण की स्थिति को देखते हुए एक और बैठक होगी, जिसमें डोला भ्रमण और अन्य आयोजनों को लेकर निर्णय लिया जाएगा।

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मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम धीराज गब्र्याल ने श्रीराम सेवक सभा पदाधिकारियों के साथ बैठक ली। जिसमें डोला भ्रमण, मंदिर सजावट समेत अन्य धार्मिक अनुष्ठानों को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। सभा अध्यक्ष मनोज साह व महासचिव जगदीश बवाड़ी ने डोला भ्रमण और महोत्सव के दौरान श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश देने की अनुमति देने तथा मंदिर सजावट और अन्य आयोजनों के लिए जिला प्रशासन से आर्थिक मदद का अनुरोध किया। डीएम ने कहा कि सभा बीते वर्ष की तरह ही सादगी से आयोजन करने को लेकर तैयारियां पूरी रखे।

आयोजन में होने वाले खर्च को लेकर आंगणक बनाकर जिला पर्यटन अधिकारी को उपलब्ध कराने को कहा। बैठक में एडीएम अशोक जोशी, एएसपी देवेंद्र पींचा, एसडीएम प्रतीक जैन, ईओ अशोक वर्मा, जिला पर्यटन अधिकारी अरविंद गौड़, राम सेवक सभा अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, हिमांशु जोशी, राजेंद्र बजेठा, विमल चौधरी, मुकेश जोशी, देवेंद्र साह, गोपाल रावत, कमलेश ढौडियाल, हरीश राणा आदि मौजूद थे।

मां नंदा को माना जाता है पार्वती का रूप

नंदा देवी मंदिर देश ही नहीं विदेशी सैलानियों की आस्था का भी केंद्र है। मां नंदा को पार्वती का रूप माना जाता है। वर्ष 1638-78 के दौरान चंद राजा बाज बहादुर चंद ने पंवार राजा को युद्ध में पराजित किया और विजय के प्रतीक के रूप में बधाणकोट से नंदा देवी की स्वर्ण प्रतिमा को लेकर यहां आए। जिसे उस समय मल्ला महल (वर्तमान कलक्ट्रेट परिसर) में स्थापित किया गया। बाद में कुमाऊं के तत्कालीन कमिश्वर ट्रेल ने नंदा की प्रतिमा को दीप चंद्रेश्वर मंदिर में स्थापित करवाया।


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