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नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म में 20 साल की सजा, एक आरोपित कर चुका है आत्महत्या

विशेष न्यायधीश (पाक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने दोष साबित होने पर मुरादाबाद निवासी युवक को 20 साल की सजा सुनाई है। उस पर 40 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया। इस मामले के एक आरोपित की पूर्व में मौत हो चुकी है। उसने एसटीएच में आत्महत्या कर ली थी।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 19 Jan 2021 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 20 Jan 2021 09:53 AM (IST)
नाबालिग के अपहरण व दुष्कर्म में 20 साल की सजा, एक आरोपित कर चुका है आत्महत्या
पूछताछ में पता चला कि काशीपुर के एक गैराज में आरोपितों ने बाइक ठीक करवाई थी।

जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में विशेष न्यायधीश (पाक्सो) अर्चना सागर की अदालत ने दोष साबित होने पर मुरादाबाद निवासी युवक को 20 साल की सजा सुनाई है। उस पर 40 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया। इस मामले के एक आरोपित की पूर्व में मौत हो चुकी है। उसने एसटीएच में आत्महत्या कर ली थी।

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सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी ने बताया कि पीरूमदारा क्षेत्र निवासी 17 साल की एक लड़की का 29 सितंबर 2016 को बाइक सवार दो युवकों ने अपहरण कर लिया था। जिसके बाद काशीपुर के हरियावाला ले गए। अगले दिन रामनगर के आमपानी गेट के पास नाबालिग को फेंक आरोपित फरार हो गए। पीडि़ता ने स्वजनों को आपबीती सुनाते हुए कहा कि बाइक सवार दो युवक उसे जबरन काशीपुर के हरियावाला लेकर गए थे। वहां एक दोमंजिले मकान के कमरे में सामूहिक दुष्कर्म किया। इसके बाद आमपानी गेट पर मुंह बंद रखने की धमकी देते हुए फरार हो गए। जिसके बाद रामनगर थाने में अज्ञात युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की। इस बीच पीडि़ता से पूछताछ में पता चला कि काशीपुर के एक गैराज में आरोपितों ने बाइक ठीक करवाई थी।

जिसके बाद पुलिस ने गैराज के सीसीटीवी की मदद से आरोपित शहनवाज उर्फ खाना निवासी थाना बिल्लारी मुरादाबाद व काशीपुर निवासी अकील उर्फ अमित को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जेल में बंद अकील को मिर्गी के दौरे पड़ते थे। जिस वजह से जेल प्रशासन द्वारा उसे उपचार के लिए 28 फरवरी 2018 को एसटीएच में भर्ती कराया। जहां छह मार्च की रात पुलिसकर्मियों को चकमा देकर वह तीसरी मंजिल की रोशनदान से कूद गया। जिससे उसकी मौत पर ही मौत हो गइ्र्र। वहीं, अदालत में पैरवी के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन चंद्र जोशी व गिरजा शंकर पांडे ने 11 गवाहों का परीक्षण किया। दोष साबित होने पर मंगलवार को शहनवाज उर्फ खाना को 20 साल की सजा सुनाई गई।


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