राज्यपाल बोलीं, नैनीताल उत्तराखंड की वैश्रि्वक पहचान
राज्यपाल बनने के बाद पहली बार नैनीताल पहुंचीं बेरी रानी मौर्य ने साझा किया अपना अनुभव।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : देवभूमि उत्तराखंड से मुझे दिली लगाव है। नैनीताल उत्तराखंड का दिल है। नैनीताल की वजह से ही उत्तराखंड की विश्व पटल पर विशिष्ट पहचान है। यहां पहले की अपेक्षा पर्यटन बढ़ा है। इस शहर के आसपास के गांवों को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की जरूरत है। नैनीताल के नयना देवी मंदिर सहित अन्य ऐतिहासिक मंदिरों के प्रति आज जन को और जागरूक करने की जरूरत है। परिवर्तन समय की मांग है और जनहित में नवाचारी कार्य भी होने चाहिए।
ये बातें कहना है उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य का। राज्यपाल पद की शपथ लेने के बाद पहली बार नैनीताल पहुंचीं राज्यपाल ने राजभवन में मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि नैनीताल समेत राज्य के चहुंमुखी विकास तथा क्षेत्रवासियों की समस्याओं के समाधान तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने राज्य में पॉलीथिन पर प्रतिबंध को सही कदम करार दिया। राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि के विकास के लिए तत्परता से कार्य किया जाएगा। स्कूली वैन में बच्ची से दुष्कर्म के प्रयास को बताया गंभीर राजभवन में राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से औपचारिक मुलाकात के दौरान कुमाऊं आयुक्त ने उन्हें मंडल में संचालित योजनाओं व विकास कार्यो की, जबकि आइजी ने कानून व्यवस्था की जानकारी दी। इस दौरान राज्यपाल ने हल्द्वानी में बच्ची से स्कूली वैन में दुष्कर्म के प्रयास की घटना को गंभीर बताया। उन्होंने आइजी को कानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने तथा अपराधियों की धरपकड़ के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर काम करने के निर्देश दिए। इस दौरान सचिव राज्यपाल आरके सुधंाशु व अन्य मौजूद थे। इससे पहले कुविवि के कुलपति प्रो. डीके नौडियाल, एसएसपी जन्मेजय खंडूड़ी, प्रभारी डीएम हरबीर सिंह, एमडी केएमवीएन धीराज गब्र्याल, जीएम त्रिलोक सिंह मर्तोलिया, एसडीएम अभिषेक रुहेला, गोल्फ कैप्टन हरीश साह ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। सालों बाद लौटी स्वागत की परंपरा राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के स्वागत में सालों बाद नई परंपरा आरंभ हुई। राजभवन गेट के बाहर ऑल सेंट्स कॉलेज की छात्राओं ने पोस्टर व गुलदस्ते के साथ कतारबद्ध होकर गवर्नर का स्वागत किया। जानकारों के अनुसार, यह परंपरा दो दशक बाद शुरू हुई है। स्वागत में खड़ी छात्राओं के मन में यह टीस रही कि गवर्नर की फ्लीट उनके लिए नहीं रुकी। इधर, राज्यपाल के आगमन को देखते हुए राजभवन परिसर की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।