होम स्टे को लेकर उत्साहित है नैनीताल, पहाड़ी भवनों के सरंक्षण के साथ ही बढ़ेगी आय
नैनीताल जिले में होम स्टे की संख्या बढ़कर 463 तक पहुंच गई है। इस साल की संख्या 58 है। इससे स्थानीय लोग खुश हैं। पर्यटकों को भी राहत है। विगत पांच वर्षों का रिकार्ड देखें तो जिले में यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
किशोर जोशी, नैनीताल। जिले में ग्रामीण पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है। सरकार की ग्रामीण पर्यटन के विकास के साथ पर्यटकों को आवास-आपको रोजगार योजना के तहत बढ़ता रूझान नई कहानी गढ़ रहा है। जिले में होम स्टे की संख्या बढ़कर 463 तक पहुंच गई है। इस साल की संख्या 58 है। इससे स्थानीय लोग खुश हैं। पर्यटकों को भी राहत है। विगत पांच वर्षों का रिकार्ड देखें तो जिले में यह संख्या लगातार बढ़ रही है।
प्रदेश सरकार ने ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास विकास योजना शुरू की थी।होम स्टे में स्थापित घर के नवीनीकरण के लिए पात्र आवेदकों को बैंकों से ऋण लेने पर राजकीय सहायता प्रदान की जाती है। होम स्टे संचालकों को आतिथ्य सत्कार का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। 30 लाख तक की सीमा तक व्यावसायिक द्वण की स्वीकृति के सापेक्ष बंधक विलेश पर शुल्क की प्रतिपूर्ति की जाती है। पुराने भवनों में उच्चीकरण, साज सज्जा, अनुरक्षण एवं दो लाख तक सीमा में नए शौचालयों का िनर्माण पर भू परिवर्तन से मुक्त किया गया है। मैदान जिले में लागत का 25 प्रतिशत या अधिकतम 7.50 लाख जबकि मूल राज सहायता एवं पांच साल तक अधिकतम एक लाख वर्ष की व्याज राज सहायता का लाभ दिया जाता है।
पर्वतीय जिलों में लागत कर 33 प्रतिशत व अधिकतम दस लाख तक का लाभ दिया जाता है। साथ ही ब्याज अधिकतम डेढ़ लाख है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी अरविंद गौड़ बताते हैं कि जिले में योजना को लेकर तेजी से रूझान बढ़ रहा है। अब तक पांच सौ से अधिक होम स्टे बन चुके हैं और रोज नए आवेदन आ रहे हैं। जिले के अधिकांश होम स्टे रामगढ़, मुक्तेश्वर, धानाचूली तक में हैं।
ग्रामीण पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
डीएम धीराज गब्र्याल का कहना है कि ग्रामीणों की आय वृद्वि के लिए होम स्टे को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। होम स्टे संचालकों से अपेक्षा है कि पर्यटकों के माध्यम से पहाड़ की परंपरागत भवन शैली व स्थानीय खानपान को प्रमोट करें। इससे निश्चित तौर पर पहाड़ से पलायन में कमी आएगी।
योजना की शर्तें
-भवन में मकान मालिक परिवार के साथ रह रहा हो
-भवन का होम स्टे योजना में पंजीकरण जरूरी
-पर्यटकों के लिए एक से अधिकतम छह कमरों की व्यवस्था होगी
-पारंपरिक पहाड़ी शैली में निर्मित भवनों को प्राथमिकता योजना का मकसद
-स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराते हुए उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर करना
-पर्यटकों को राज्य के व्यंजन, संस्कृति, एतिहासिक धरोहरों, पारंपरिक पहाड़ी शैली से परिचित कराना
-ऑनलाइन पंजीकरण के लिए उत्तराखंड पर्यटन की होम स्टे से संबंधित वेबसाइट में लॉग इन करना होगा।