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जंगल की आग नियंत्रित होने के बाद भी 12 गुना अधिक है हवा में ब्लैक कार्बन

जंगलों में लगी भीषण आग के धुएं में सांस लेना दुभर हो रहा है। ओजोन की मात्रा करीब दो गुना तो ब्लैक कार्बन की मात्रा में 12 गुना बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। हालांकि बीते सप्ताह से स्थिति में कुछ सुधार तो हुआ है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 06:30 AM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 06:30 AM (IST)
जंगल की आग नियंत्रित होने के बाद भी 12 गुना अधिक है हवा में ब्लैक कार्बन
जगल की आग नियंत्रित होने के बाद भी 12 गुना अधिक है हवा में ब्लैक कार्बन

नैनीताल, रमेश चंद्रा : जंगलों में लगी भीषण आग के धुएं में सांस लेना दुभर हो रहा है। ओजोन की मात्रा करीब दो गुना तो ब्लैक कार्बन की मात्रा में 12 गुना बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। हालांकि बीते सप्ताह से स्थिति में कुछ सुधार तो हुआ है, मगर अब भी स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाई है। 

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आर्यभटट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के पर्यावरणीय विज्ञानी डा मनीष नाजा ने बताया कि सैटेलाइट के अनुंसार गढ़वाल के जंगलों की आग में कमी आने लगी हैं, लेकिन कुमाऊं व नेपाल के जंगल अभी भी सुलगते नजर आ रहे हैं। जिस कारण वायु प्रदूषण में निरंतर वृद्धि हो रही है। इससे साफ सुथरा रहने वाले नैनीताल का वातावरण भी दूषित हो गया है। 

शनिवार को यहां के आसमान में ओजोन की मात्रा बढ़कर 110 पीपीबी यानी पर पार्ट बिलियन दर्ज की गई है, जबकि औसतन इसकी मात्रा 40 से 50 पीपीबी के बीच रहती है। ब्लैक कार्बन की मात्रा भी आसमान छूंती नजर आ रही है, जो 12 माइक्रोग्राम प्रति क्यूब मीटर बनी हुई थी। बीते सप्ताह यह बढ़कर 16 माइक्रोग्राम पहुंच गया था। यहां के वातावरण के हिसाब से यह बेहद खतरनाक है। औसतन इसकी मात्रा एक से दो रहती है। 

वायुमंडलीय विज्ञानी डा नरेंद्र सिंह के अनुसार पीएम 2.5 की मात्रा पिछले दिनों 150 माइक्रोग्राम प्रति क्यूब मीटर पहुंच गई थी। शनिवार को इसकी मात्रा 60 दर्ज की गई। जिस कारण वातावरण धुंधला हो गया है। दूर देख पाना संभव नही हो पा रहा है। स्वास्थ्य के लिहाज से यह मात्रा बहुत अधिक है। इसमें कार्बन मोनो आक्साईड की मात्रा अधिक बढ़ गई है।

इस सप्ताह अधिकतम 150 दर्ज किया गया पीएम 2.5 

डा नरेंद्र सिंह के अनुसार जनवरी में पीएम 2.5 की मात्रा औसत 20 से 25 के बीच थी, फरवरी में 25 से 30 के बीच रही। मार्च के पूर्वान्ह में इसकी मात्रा तीस के आस पास ही रही, लेकिनदूसरे पखवाडे के बाद बढ़ती चली गई, जो औसतन 100 के करीब रहने लगी और इस सप्ताह मंगलवार को सर्वाधिक 150 रिकार्ड की गई।

धूप में तामपान बढ़ोतरी, बादल छाने से गिर रहा पारा 

वातावरण में प्रदूषण की मात्रा बढऩे से तापमान में भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। कार्बन के कण की अधिकता के कारण सूर्य की रोशनी में तापमान भी तेजी से बढ़ जाता है, यदि बादल आ जाएं तो कार्बन कण ठंडे होकर तापमान गिरा देते है। जिस कारण ठंड महसूस होने लगती है। शनिवार को बादल और धुआ छाने से धरती की सतह में गर्माहट नहीं आ नहीं आ पाई है। जिसके चलते नगर का तापमान औसतन 12 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है।

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