एमबीपीजी कॉलेज में बने निर्वाचन कार्यालय के कारण नैक का निरीक्षण फिर टला
एमबीपीजी कॉलेज में निर्वाचन कार्यालय बनने से राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक का निरीक्षण टल गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि आधे कॉलेज में निर्वाचन कार्यालय बन गया है।
हल्द्वानी, जेएनएन : एमबीपीजी कॉलेज में निर्वाचन कार्यालय बनने से राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद नैक का निरीक्षण टल गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि आधे कॉलेज में निर्वाचन कार्यालय बन गया है। इसमें क्लास रूम से लेकर लैब तक शामिल है। पहले अप्रैल में निरीक्षण होने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन अब जून के बाद ही निरीक्षण की संभावना है।
पांच साल के लिए होना है निरीक्षण
नैक का यह निरीक्षण जुलाई 2013 से 2018 तक के लिए होना है। अभी तक निरीक्षण हो जाना चाहिए था, लेकिन पहले कॉलेज प्रबंधन की ढिलाई और फिर निर्वाचन कार्यालय की वजह से लंबित हो गया।
ग्रांट मिलने में हो जाएगी और दिक्कत
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से लेकर राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान के तहत कॉलेजों को संवारने के लिए बजट मिलता है, लेकिन इस कॉलेज के पास बजट भी नहीं आ रही है। इसके चलते संसाधनों को बढ़ाया जाना संभव नहीं हो पा रहा है।
एसएसआर को लेकर लगाई आपत्ति का भी दे दिया जवाब
नैक ने सेल्फ स्टडी रिपोर्ट पर आपत्ति लगाई थी। संबंधित डॉक्यूमेंट के प्रूफ मांगे गए थे। कॉलेज ने नैक को उपलब्ध करा दिया है।
इन बिंदुओं की होनी है जांच
- छात्र संख्या
- पिछले पांच साल में उपलब्ध संसाधन
- एकेडिमक स्थिति
- सेमिनार व कार्यशालाओं का आयोजन
- एकेडमिक ग्रोथ की स्थिति
कॉलेज की स्थिति
एमबीपीजी कॉलेज में 13 हजार छात्र-छात्राएं अध्ययन करते हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए 141 शिक्षक कार्यरत हैं। निर्वाचन कार्यालय की वजह से पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। यहां तक कि आधे कॉलेज में प्रवेश भी बंद है।
लगातार टल रहा है निरीक्षण
डॉ. जीएस बिष्ट, प्राचार्य, एमबीपीजी कॉलेज, हल्द्वानी ने बताया कि पहले अप्रैल में नैक के निरीक्षण की संभावना था, लेकिन कॉलेज में निर्वाचन कार्यालय बन गया। इसके बाद नैक को मई के बाद निरीक्षण करने का अनुरोध किया गया है। मानकों को पूरा करने के लिए लगातार बैठक हो रही है। कमियों को दूर किया जा रहा है।
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