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बागनाथ मंदिर परिसर में दुर्लभ प्रतिमाओं के संरक्षण के लिए तैयार हो रहा संग्रहालय

बागनाथ मंदिर परिसर में संग्रहालय निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। जनवरी में काम पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद श्रद्धालु दुर्लभ प्रतिमाओं का दीदार कर सकेंगे। संरक्षण व रखरखाव के अभाव में बागनाथ मंदिर में दुर्लभ मूर्तियां जर्जर हो रही हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 10:42 AM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 10:42 AM (IST)
बागनाथ मंदिर परिसर में दुर्लभ प्रतिमाओं के संरक्षण के लिए तैयार हो रहा संग्रहालय
बागनाथ मंदिर परिसर में दुर्लभ प्रतिमाओं के संरक्षण के लिए तैयार हो रहा संग्रहालय

बागेश्वर, जेएनएन : बागनाथ मंदिर परिसर में संग्रहालय निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। जनवरी में काम पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद श्रद्धालु दुर्लभ प्रतिमाओं का दीदार कर सकेंगे। संरक्षण व रखरखाव के अभाव में बागनाथ मंदिर में दुर्लभ मूर्तियां जर्जर हो रही हैं। बागनाथ मंदिर का निर्माण 15वीं शताब्दी में चंदवंशी ने करवाया था। यहां पर बाणेश्वर, काल भैरव समेत कई एतिहासिक मंदिर हैं। भव्य नक्काशी के साथ ही प्राचीन प्रतिमाएं भी दर्शनीय हैं।

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बागनाथ मंदिर परिसर के एक कमरे में पुरातत्व विभाग ने 69 प्राचीन प्रतिमाएं रखी हैं। इनमें उमा-महेश्वर, महिषासुर मॢदनी, गणेश, विष्णु समेत आदि देवी, देवताओं की प्रतिमाएं शामिल हैं। बागनाथ मंदिर परिसर में संग्रहालय का निर्माण हो रहा है। काम पूरा होते ही प्रतिमाओं को श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। नगर के बागनाथ मंदिर परिसर में मौजूद 8वीं से 18वीं सदी की दुर्लभ मूर्तियां स्थान के अभाव में एक बंद कमरे में धूल फांक रही हैं। मूर्तियों पर मकड़ी के जाले लगे हैं। मूर्तियों की ऐसी हालत खराब हो रही है। अगर समय रहते संरक्षण नही किया गया तो दुर्लभ मूर्तियां अतीत का हिस्सा बन जाएगी।

लोगों की मांग को देखते हुए यहां पर संग्राहलय का निर्माण किया जा रहा है। जल्द ही यह संग्राहलय बनकर तैयार होने की उम्मीद है। जिसके बाद सभी मूर्तियों का विधिवत यहां पर रखा जाएगा। पुरातत्व विभाग की देख-रेख में यह कार्य किया जाएगा। अल्मोड़ा के क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि मूर्तियों के संरक्षण के प्रति विभाग गंभीर है। अगले साल की शुरुआत तक बागनाथ मंदिर परिसर में संग्रहालय बन जाएगा। संग्रहालय में इन 69 मूर्तियों के साथ ही कालभैरव मंदिर समेत अन्य स्थानों की 12 अन्य मूर्तियों को भी रखा जाएगा।


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