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जैविक कचरे से सड़क पर दौडेंगे वाहन, रुद्रपुर में फ्रांस की तकनीकि से कूड़े से बनेगी सीएनजी

लोगों के घरों से निकलने वाले गीले कचरे से नगर निगम रुद्रपुर सीएनजी गैस व जैविक खाद बनाएगा। जिसे वाहनों में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 10:35 AM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 10:35 AM (IST)
जैविक कचरे से सड़क पर दौडेंगे वाहन, रुद्रपुर में फ्रांस की तकनीकि से कूड़े से बनेगी सीएनजी
जैविक कचरे से सड़क पर दौडेंगे वाहन, रुद्रपुर में फ्रांस की तकनीकि से कूड़े से बनेगी सीएनजी

रुद्रपुर, जेएनएन : लोगों के घरों से निकलने वाले गीले कचरे से नगर निगम रुद्रपुर सीएनजी गैस व जैविक खाद बनाएगा। जिसे वाहनों में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा। कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट से हर माह करीब 50 टन सीएनजी गैस का उत्पादन किया जा सकेगा।

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जैविक कचरे से कूड़ा निस्तारण के लिए फ्रांस की तकनीकि पर आधारित गैस संयंत्र जिला मुख्यालय के फाजलपुर महरौला में लगाया जा रहा है। इस संबंध में बुधवार को महापौर रामपाल सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान जानकारी दी। महापौर ने बताया कि रुद्रपुर से कूड़े के पहाड़ हटाने का वादा नगर निगम चुनाव में किया गया था। जिसकी पूर्ति कूड़ा निस्तारण प्लांट के जरिए की जा रही है।

महाराष्ट्र की कंपनी मैलहेम इकोस एनवायरमेंट प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू साइन होने के बाद इस कार्य के लिए 25 वर्ष का ठेका दिया गया है। जिसमें कंपनी से जमीन का किराया और कूड़े का मूल्य लिया जाएगा। भविष्य में कूड़ा कलेक्शन का काम भी इसी एजेंसी को दिया जा सकता है। मेयर ने बताया कि ट्रॉमल मशीन भी शीघ्र शुरू की जाएगी। जिससे खाद बनाने में मिट्टी की जांच कराई गई है। प्रेस वार्ता के दौरान स्वच्छता निरीक्षक संजय शर्मा, कंपनी डीजीएम नवीन आदि मौजूद थे।

इंदौर सहित 360 निगम में प्लांट

जैविक कचरे से कूड़ा निस्तारण का कार्य करने वाली कंपनी देश के 360 शहरों में कार्य कर रही है। जिसमें देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर भी शामिल है। कंपनी के डीजीएम नवीन ने बताया कि ज्यादातर जगहों पर नगर निगम की ओर से ही खर्च किया गया है। रुद्रपुर में कंपनी प्लांट लगाने के लिए खुद ही आठ करोड़ का खर्च कर रही है। जिसे मई 2021 तक शुरू कर दिया जाएगा।

27 हजार प्रतिमाह कमाई

सीबीजी प्लांट में निगम को हर माह 27 हजार की कमाई होगी। जिसमें 24 हजार रुपये प्रति माह तक का किराया कंपनी को दी गई छह एकड़ जमीन से मिलेगा। जबकि करीब तीन हजार रुपये की राशि हर माह कूड़ा बेचने से प्राप्त होगी। जिसमें कूड़े का मूल्य तीन रुपये प्रति टन लिया जाएगा।


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